मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

पाक फिर से बेपर्दा

२६/११ मामले में आरोपी हेडली और राणा ने अमेरिका में ग्रैंड ज्यूरी के सामने अपने को बेकसूर बताते हुए कहा है कि उन्होंने यह हमले पाकिस्तान के कहने पर किये थे और इसमें पाकिस्तानी की गुप्तचर संस्था आईएसआई और पाकिस्तानी सरकार का पूरा हाथ है. यह स्वीकारोक्ति ऐसे समय में आई है जब भारत-पाक क्रिकेट के माध्यम से अपने रिश्ते एक बार फिर से सुधारने के लिए प्रयासरत हैं पर अब यह सब सामने आने के बाद भारत सरकार के लिए इस मसले पर आगे बढ़ना और भी मुश्किल होने वाला है क्योंकि विपक्षी दल अब बात चीत आगे बढ़ने पर अमेरिकी दबाव की बातें करेंगें और भारत सरकार बात करने के लिए इस बात को पुख्ता करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाएगी ? इसी बीच जिस क्रिकेट की बात की जा रही है अब अगले वर्ष पाकिस्तान के भारत आने की सम्भावना पर भी संशय के बादल मंडरा सकते हैं. 
२६/११ में जिस तरह से पाकिस्तान सरकार बेशर्मी का लबादा ओढ़ कर बैठी हुई है उससे नहीं लगता है कि कभी भी वह भारत के साथ वास्तव में सम्बन्ध सुधारने की दिशा में आगे जाने वाली है ? फिर भी अमेरिकी कोर्ट में आये इस खुलासे के बाद अब अमेरिका और पाक दोनों पर इस बात का दबाव बढ़ने वाला है कि वे अपने यहाँ इस पूरे मसले की ठीक तरह से जांच कराएँ और आने वाले समय में किसी भी ऐसे संगठन की हर तरह की आतंकी गतिविधियों पर रोक भी लगाने का प्रास करें. आज पाक जिस तरह से बेशर्मी कर रहा है उसे देखते हुए कहीं से भी नहीं लगता है कि वह भारत के ख़िलाफ़ अपने रुख़ में कोई बदलाव लाने जा रहा है ? फिर भी अब गेंद अमेरिका के पाले में पहुँच ही चुकी है क्योंकि अब अमेरिका जाने वाले आईएसआई प्रमुख से किस स्तर तक बात करनी है यह उसे ही सोचना है. जिस तरह से आतंक के समर्थकों को भी अमेरिका आतंकी ही मानता है तो क्या २६/११ के मसले में वह शुजात पाशा के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही करेगा ? 
   आज भी अमेरिका केवल अपने हितों को देखने में लगा हुआ है जबकि वास्तविकता बहुत बदल चुकी है अब पूरी दुनिया एक गाँव बन चुकी है और कहीं पर भी होने वाली कोई भी घटना सभी देशों पर कम या ज्यादा कुछ असर तो ज़रूर ही डालती है ? भारत पर पड़ने वाले किसी भी प्रभाव से आने वाले समय में अमेरिका अछूता रह पायेगा यह सोचना ही गलत है फिर भी आज अमेरिका पाकिस्तान के माध्यम से अपने हितों को साधने में लगा हुआ है जबकि चीन ने पाक में अपनी पहुँच काफी हद तक बढ़ा दी है. हो सकता है की आने वाले समय में पाक खुद ही अमेरिका को लात मारकर अलग कर दे क्योंकि मतलबी देशों में पाक ने जिस तरह से अव्वल दर्ज़ा हासिल किया हुआ है वैसी मिसाल कहीं और नहीं  मिलती है. इस खुलासे के बाद भारत सरकार को पाक से अपने हर तरह के सम्बन्ध को फिर से रोकने की आवश्यकता है क्योंकि जब पाक सरकार के हाथ ही भारतीयों के खून से रंगे हैं तो इन हत्यारों से किस तरह से बात की जा सकती है ?      
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