रविवार को भारतीय सेना के चीता हेलीकाप्टर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ग़लती से उतर जाने के बाद शुरू हुए विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कुछ अख़बारों ने इस बात का ज़िक्र किया है कि पाकिस्तान ने हेलीकाप्टर से संवेदी सूचनाएँ चुरा ली हैं जिनसे भारतीय सेना को बहुत परेशानियों का सामना करना पास सकता है पर रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने यह कह कर मामले को शांत करने की कोशिश की है कि इसमें कोई महत्वपूर्ण सूचना नहीं थी हालांकि पाक की अभी तक की हरकतों को देखते हुए यह तो आसानी से ही समझा जा सकता है कि उसने इस हेलीकाप्टर से हर संभव सब कुछ चुराने की कोशिशें तो की ही होंगीं. इस तरह के रक्षा से जुड़े मसलों के बारे में बहुत बार सेना और अर्धसैनिक बल जानकारी होते हुए भी कुछ अनजान से बनने लगते हैं पर अख़बार वाले पता नहीं किस बात का खुलासा करने के चक्कर में क्या क्या छापने लगते हैं. देश की सुरक्षा के बारे में कुछ भी लिखने से पहले उसके परिणामों पर भी विचार कर लिया जाना चाहिए.
यह सही है कि भारत और पाक के सम्बन्ध जिस स्तर पर रहते हैं तो वैसी स्थिति में कुछ भी सही और शांति से नहीं हो सकता है दोनों ही देश अपनी सामरिक तैयारियों को एक दूसरे से यथा संभव छिपाने की कोशिशें करते हैं अभी तक जिस हेलीपैड की बात की जा रही है उसके बारे में सेना ने कुछ भी नहीं कहा है क्योंकि कुछ लोग ऐसा भी कह रहे हैं कि भारतीय हेलीकाप्टर चालक दल को यह पता ही नहीं था कि वे पीओके में उतर चुके हैं यह जानकारी पाक की सेना को भी नहीं हो पाई थी बाद में यह राज खुला कि उतरने वाला हेलीकाप्टर भारत का है और इससे भारतीय चालक दल भी हैरान रह गया. यह सही है कि पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण जिस तरह से मार्ग भटकने से यह हेलीकाप्टर पीओके पहुंचा उससे सभी हैरान हैं पर इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिस पर इतनी ज्यादा बातें की जाएँ. देश की सेना और सुरक्षा से जुड़े लोग इतने सक्षम हैं कि वे समय रहते इस सभी तरह की कमियों की काट भी ढूंढ सकते हैं.
जिस तरह से यह कहा जा रहा है कि पाक को अब भारत के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित हेलिपैडों की जानकारी हो जाएगी तो यह हास्यास्पद ही लगता है क्योंकि आज की सूचना और तकनीकी के ज़माने में कोई भी व्यक्ति किसी भी देश की सामरिक तैयारियों को देख तो सकता ही है फिर इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो कुछ छिपाने लायक हो ? पाक जिस तरह से भारत से कई युद्ध हार चुका है उसके बाद उसे यही लगता है कि कहीं से कुछ भी गोपनीय सूचना उसे मिल जाये पर यह सब इतना आसान भी नहीं होता है कि सब कुछ चुटकी बजाते ही हो जाये. सैन्य सूचनाओं की गोपनीयता किस तरह रखी जाती है यह आम आदमी सोच भी नहीं सकता है और अगर किसी भी तरह की कोई सूचना पाक को मिल भी गयी हो तो उसके अनुसार भारतीय सेना ने अपने तन्त्र को सुधार भी लिया होगा. साथ ही सैन्य आवश्यकताओं के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक है उसके लिए सेना ने इस चालक दल से पूछताछ कर ही ली है. अच्छा हो कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में मीडिया अपने अनुमान न ही लगाये और सेना को अपना काम करने दे.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
यह सही है कि भारत और पाक के सम्बन्ध जिस स्तर पर रहते हैं तो वैसी स्थिति में कुछ भी सही और शांति से नहीं हो सकता है दोनों ही देश अपनी सामरिक तैयारियों को एक दूसरे से यथा संभव छिपाने की कोशिशें करते हैं अभी तक जिस हेलीपैड की बात की जा रही है उसके बारे में सेना ने कुछ भी नहीं कहा है क्योंकि कुछ लोग ऐसा भी कह रहे हैं कि भारतीय हेलीकाप्टर चालक दल को यह पता ही नहीं था कि वे पीओके में उतर चुके हैं यह जानकारी पाक की सेना को भी नहीं हो पाई थी बाद में यह राज खुला कि उतरने वाला हेलीकाप्टर भारत का है और इससे भारतीय चालक दल भी हैरान रह गया. यह सही है कि पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण जिस तरह से मार्ग भटकने से यह हेलीकाप्टर पीओके पहुंचा उससे सभी हैरान हैं पर इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिस पर इतनी ज्यादा बातें की जाएँ. देश की सेना और सुरक्षा से जुड़े लोग इतने सक्षम हैं कि वे समय रहते इस सभी तरह की कमियों की काट भी ढूंढ सकते हैं.
जिस तरह से यह कहा जा रहा है कि पाक को अब भारत के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित हेलिपैडों की जानकारी हो जाएगी तो यह हास्यास्पद ही लगता है क्योंकि आज की सूचना और तकनीकी के ज़माने में कोई भी व्यक्ति किसी भी देश की सामरिक तैयारियों को देख तो सकता ही है फिर इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो कुछ छिपाने लायक हो ? पाक जिस तरह से भारत से कई युद्ध हार चुका है उसके बाद उसे यही लगता है कि कहीं से कुछ भी गोपनीय सूचना उसे मिल जाये पर यह सब इतना आसान भी नहीं होता है कि सब कुछ चुटकी बजाते ही हो जाये. सैन्य सूचनाओं की गोपनीयता किस तरह रखी जाती है यह आम आदमी सोच भी नहीं सकता है और अगर किसी भी तरह की कोई सूचना पाक को मिल भी गयी हो तो उसके अनुसार भारतीय सेना ने अपने तन्त्र को सुधार भी लिया होगा. साथ ही सैन्य आवश्यकताओं के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक है उसके लिए सेना ने इस चालक दल से पूछताछ कर ही ली है. अच्छा हो कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में मीडिया अपने अनुमान न ही लगाये और सेना को अपना काम करने दे.
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