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गुरुवार, 31 जनवरी 2013

वैष्णो देवी मार्ग-अवैध वसूली ?

                                जम्मू क्षेत्र की त्रिकुटा पहाड़ियों उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र स्थिति माता वैष्णो देवी के बाणगंगा से भवन तक के मार्ग पर अवैध वसूली की ख़बरों के बाद माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने जिस तरह से सख्ती का रुख़ अपनाया है उससे यही लगता है कि देश में कहीं पर भी कोई कुछ भी करता रहे पर उससे सरकारी तंत्र पर तभी कोई प्रभाव पड़ता है जब उस बात पर हल्ला मचने लगता है. जिस तरह से इस पूरे मार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था हमेशा ही रहती है उस स्थिति में आख़िर किस तरह से कुछ लोगों ने जगह जगह अपने अवैध वसूली केंद्र खोल लिए और वसूली शुरू भी कर दी ? इस पूरी लापरवाही के लिए क्या इस क्षेत्र के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं बनती है क्योंकि जब सुविधाएँ देने की बात आती है तो पूरे मार्ग पर बोर्ड ही सब कुछ करता है पर सुरक्षा की ज़िम्मेदारी केवल पुलिस पर ही रहती है तो किस तरह से इन असामाजिक तत्वों के हौसले इतने बढ़ गए कि इनके ख़िलाफ़ उच्च स्तर से कार्यवाही करने के आदेश देने पड़े ? इससे यही लगता है कि अब सुरक्षा सम्बन्धी चिंताओं में कमी आने के साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने पूरे मार्ग पर भ्रष्टाचार का वही रवैया अपना लिया है जैसे कि अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा ऐसा धार्मिक स्थलों पर अपनाया जाता है ?
                 पूरे देश की यह मानसिकता चाहे वो जम्मू कश्मीर में हो या यूपी में सभी जगह पर किसी बड़े ख़तरे के आने पर ही क्यों सचेत होती यह भी विचार करने लायक है क्योंकि किसी भी स्थान पर कुछ भी होता रहे पर जब बात सुरक्षा और भ्रष्टाचार की आती है तो सभी लोग केवल एक तरह से ही व्यवहार करने लगते हैं और जब सुरक्षा सम्बन्धी कुछ भी करने का समय आता है तो सभी के सुर में साथ आ जाते हैं आख़िर इस मानसिकता से किस तरह से निजात पाई जाये ? जब इतने महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस तरह से शिकायतें मिलने पर बोर्ड के सदस्य और जम्मू कश्मीर के एक पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ अशोक भान को पूरे मार्ग का निरीक्षण करना पड़ा और साथ ही इस तरह की अवैध वसूली की शिकायतों को जायज़ पाया गया उसके बाद कहने के लिए क्या बचता है ? इन असामाजिक तत्वों के हौसले क्या इतने बढ़े हुए थे कि बोर्ड के सदस्य द्वारा निरीक्षण के समय भी वे अपनी अवैध वसूली में लगे रहे और यदि ऐसा था तो माता के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है और कोई भी इस तरफ़ उतना चौकन्ना नहीं है जितना उसे वहां की परिस्थितियों में सदैव ही होना चाहिए ?
               जब इस तरह से अवैध वसूली करने वालों को पुलिस द्वारा किसी भी स्तर पर पूरा संरक्षण दिया जा रहा है तो वहां की सुरक्षा के बारे में आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है क्योंकि इस बात की कौन गारंटी ले सकता है कि कल को केवल पैसों के दम पर कोई आतंकी संगठन पहले यहाँ पर इसी तरह से अवैध वसूली शुरू कर दे और आने वाले समय में अपनी बड़ी तैयारी करके यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं पर हमला करने की साजिश भी रच डाले ? उस स्थिति में इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ देश के लिए भी संकट की घड़ी आ सकती है इसलिए यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था की केन्द्रीय स्तर पर एक बार फिर से समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि कोई भी विषम परिस्थिति उत्पन्न होने पर राज्य सरकार के स्थान पर पूरी कमान केंद्र सरकार के हाथों में चली जाती है और जब उसे पूरी कमियों के बारे में पता ही नहीं होगा तो समस्या का स्वरुप और भी बिगड़ जायेगा. इस वसूली की तह में जाने के लिए पिछले दो वर्षों में कटड़ा के सभी पुलिस अधिकारियों और जम्मू में तैनात बड़े अधिकारियों की भी जांच करवाई जानी चाहिए क्योंकि पुलिस की नाक के नीचे इस तरह का काम होता रहा और उसे भनक तक नहीं लगी यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है और इस पर अब दिए गए दिशा निर्देशों पर अमल करके पूरे मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए असामाजिक तत्वों को यहाँ से बाहर किया जाना चाहिए.  
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