मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 26 मार्च 2013

आकाश की उपलब्धता

                         अपने लाँच के समय से ही ख़बरों में बने रहने वाले दुनिया के सबसे सस्ते प्रचारित भारतीय आवश्यकतों की पूर्ति करने हेतु बनाये गए आकाश टेबलेट ने जिस तरह से चुनौतियों का सामना करना सीखा है वह देश के लिए एक अच्छा माहौल उत्पन्न करता है. यह सही है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम करने के लिए जिस स्तर पर प्रयास किये गए उनका परिणाम भी हम सभी को दिखायी भी दिया पर इतने बड़े प्रोजेक्ट को जिस तरह से संचालित किया जाना चाहिए था उस स्तर पर इससे जुड़े सभी पक्ष नहीं चल सके जिस कारण से भी इसमें अनावश्यक विलम्ब होता चला गया. भारत जैसे देश में इस तरह की किसी भी परियोजना पर काम करने के लिए जिस तरह से व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यकता होती है इस प्रोजेक्ट में वह शुरू से ही नदारत थी जिस कारण से लाल फीताशाही ने भी इस परियोजना को विभिन्न चरणों में धक्का पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जबकि सभी को पता था कि कपिल सिब्बल शुरू से ही इस प्रोजेक्ट को सही तरह से जल्दी से जल्दी पूरा करने के इच्छुक हैं.
                             भारतीय मेधा में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और वह इस तरह की किसी भी चुनौती को स्वीकार करने से कभी भी नहीं हिचकती है पर इसके लिए राजनैतिक और सामाजिक स्तर पर जो दृढ़ता दिखाई जानी चाहिए हम कहीं न कहीं से उसमें चूक जाते हैं. आकाश की निर्माता डेटाविंड ने कहा है कि वह शुरू से ही अपनी इस परियोजना को पूरा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है और प्रतिदिन लगभग ढाई हज़ार लोगों को यह उपलब्ध करा रही है तो उस स्थिति में इस कम्पनी की प्रगति को संतोषजनक भी कहा जा सकता है. भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में इस तरह की किसी भी परियोजना पर जिस तरह से बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता है अभी वह दिखाई नहीं देती है इसीलिए चीन में बने हुए अन्य सस्ते उत्पाद आज देश में विभिन्न कम्पनियों द्वारा अपने नामों से बाज़ार में उतारे जा रहे हैं जिस तरह से २९ कम्पनियों ने आकाश के उत्पादन में रूचि दिखाई है और यदि उनके साथ समय रहते समझौता कर लिया जाए तो आने वाले २ वर्षों में ही आकाश भारत समेत दुनिया भर में अपनी पकड़ बना सकता है.
                             अपने पहले परीक्षण में ही आकाश ने जिस तरह से हलचल मचा दी थी और संयुक्त राष्ट्र तक में इस बारे में चर्चा हुई उसके बाद सरकार को आकाश के लिए एक व्यापक नीति बनाने की ज़रुरत है क्योंकि इसे जिस तरह से भारतीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही विकसित किया जा रहा है उस स्थिति में इसमें निरंतर सुधार करते रहने की अभी आवश्यकता है उसी क्रम में आकाश २ आज सप्लाई किया जा रहा है और उसके और उन्नत संस्करणों आकाश-३ और आकाश-४ पर अनुसंधान चल रहे हैं. यदि सरकार और डेटाविंड यह तय कर लें कि इसके उत्पादन में रूचि दिखाने वाली कम्पनियों को शीघ्र ही यह तकनीक हस्तांतरित कर इसके उत्पादन पर एक समय बद्ध तरीके से काम करने लायक माहौल बन जाए तो आने वाले समय में भारतीय कम्पनियों द्वारा इसको पूरे विश्व में बेचा जा सकता है. दुनिया में मंहगे टेबलेट्स हमेशा ही उपलब्ध रहेंगें पर इस तरह से आम छात्रों और सामान्य प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म आकाश से ही मिल सकता है और विकासशील देशों में इस तरह मांग सदैव ही बनी रहेगी बस अब ज़रुरत केवल इस बात की है कि इसे समझा जाए और इस पर पूरी तरह से अमल कर भारतीय ब्रांड को पूरे विश्व में सुलभ कराया जाए.     
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

2 टिप्‍पणियां:

  1. प्रभावशाली ,
    होली की बधाई !!!
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त

    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

    जवाब देंहटाएं
  2. अभी तो आकाश हवा हवाई हुए आकाश में ही उड़ रहा है !

    होली की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं