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रविवार, 22 जून 2014

यूपी का विकास और बजट

                                                                  अखिलेश सरकार के आम बजट से जहाँ काफी दिनों बाद यह एहसास हुआ है कि सपा की सोच में बदलाव आने लगा है वहीं इन उपायों पर सख्ती से डटे रहने के संकल्प से ही यूपी में विकास के खाके को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने में सफलता भी हासिल की जा सकती है. आज यूपी सरकार के सामने कानून व्यवस्था सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है और इसके लिए सरकार ने जो भी प्रयास शुरू किये हैं वे कहीं से भी पूरे नहीं कहे जा सकते हैं फिर भी पुलिस को चुस्त दुरुस्त किये जाने के लिए किये गए प्रयासों को भी पूरे मनोयोग से लागू किये जाने की आवश्यकता है. आज यूपी के पास बेहतर युवा शक्ति है जो प्रदेश में विकास की धीमी रफ़्तार के कारण किसी भी तरह से अपने को आज के समय के अनुरूप ढालने में सफल नहीं हो पाती है जिससे पूरे प्रदेश के विकास पर बुरा असर पड़ता है. इस शक्ति को लुभावनी योजनाओं के स्थान पर मज़बूत इच्छाशक्ति से साथ आगे बढ़ाने की तरफ सरकारों को सोचने की आवश्यकता है जिससे माहौल को सुधार जा सके.
                                         आज कानून व्यवस्था के बाद बिजली की उपलब्धता भी बड़े उद्योगों को प्रदेश में आने से रोकती रहती है और इसके लिए जितने बड़े स्तर पर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है उस पर कुछ कदम ही सरकार द्वारा उठाये जा सके हैं जिनसे पूरे तंत्र की नाकामी को दूर नहीं किया जा सकता है. अब समय आ गया है कि दिल्ली और बड़े शहरों की तर्ज़ पर यूपी के बड़े शहरों को भी निजी क्षेत्र को सौंप दिया जाये जिससे आने वाले समय में पारेषण और वितरण से होने वाली कृत्रिम हानि को रोका जा सके और उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. बिजली सुधार में केवल दृढ राजनैतिक इच्छाशक्ति की ही आवश्यकता है क्योंकि सरकार अपने दम पर बिजली चोरी को रोक पाने में पूरी तरह से असफल ही रही है यदि यूपी में बिजली सुधर जाये तो यहाँ पर औद्योगिक विकास की अपार क्षमताओं का भरपूर दोहन भी किया जा सकता है.
                                           इस बजट में जहाँ सरकारी खजाने पर बोझ बनी कई योजनाओं को बंद किया गया है वहीं उस धन को जनहित से जुड़े अन्य कार्यों में लगाये जाने से प्रदेश में विकास की थमी हुई रफ्तार को बढ़ाने में कुछ मदद भी मिलने वाली है. विकास से जुड़े तंत्र को प्रदेश में इस तरह से आगे बढ़ाने की ज़रुरत है कि आने वाले समय में उसे रोकने के प्रयासों को हर स्तर पर विफल किया जा सके. देश में आज भी यदि यूपी पिछड़ता है तो देश को आगे ले जाने के सभी प्रयास पीछे ही रह जाने वाले हैं इसलिए यूपी में सक्रीय सभी राजनैतिक दलों को एक बात स्पष्ट रूप से समझनी ही होगी कि देश के समग्र विकास का रास्ता बिना यूपी से गुजरे आगे नहीं बढ़ सकता है अतः सभी योजनाओं को राजनैतिक लाभ हानि से किनारे कर विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता ही है और अब इस बात पर केवल बयानबाज़ी किये जाने के स्थान पर आगे बढ़कर काम करने की ज़रुरत है. यदि अखिलेश सरकार इस बार के शुरू किये क़दमों को आगे बढाती है तो यह देश के विकास के लिए अच्छा संकेत ही होगा.                
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