मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

पुलिस पर सरकारी नीति

राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के सम्मलेन में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम ने बिल्कुल सही तरफ़ इशारा किया कि राज्य अपने यहाँ पर पुलिस के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने महानिदेशकों से पूछा कि जब राज्य सरकारें अपना कर्तव्य नहीं निभाती तो उन्हें तो ध्यान देना चाहिए ? सबसे महत्वपूर्ण बात जो उन्होंने कही वह यह थी कि राज्यों में पुलिस अधिकारी फुटबाल हो गए हैं सरकारें अपनी मंशा को पूरा करने के लिए अधिकारियों को बराबर किक किया करती हैं जिससे पूरे तंत्र पर असर आता है । जब जिले के बड़े अधिकारी ही अपने को सुरक्षित नहीं समझते तो वे पूरे मनोयोग से अपना काम नहीं कर पाते हैं। आज के समय में यदि पूरे देश के पुलिस अधीक्षकों का कार्यकाल देखा जाए तो औसत शायद ही एक साल का आए। अपराधों पर लगाम लगाना तो दूर है अधिकारी लोग जिले को समझ ही नहीं पाते और उनका तबादला कर दिया जाता है। किसी भी स्तर पर अच्छी तरह से काम करने के लिए वहां की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक स्थिति का आंकलन और समझ बहुत आवश्यक होती है आज के समय में कोई ऐसा कुछ समझ पाता होगा यही समझ से बाहर है। फिर देश के सामने आज आतंकवाद के रूप में बहुत बड़ी चुनौती है जिससे अच्छी और प्रभावी पुलिस के माध्यम से ही निपटा जा सकता है. आज के समय में पुलिस जिस तरह से राज्य सरकारों की गुलामी करने को मजबूर दिखाई देती है उससे तो इस तरह के खतरे बहुत आगे तक चले जाते हैं। देश में पुलिस तंत्र का दुरूपयोग न हो इस बात को सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है। आज सभी राज्यों को इस बात पर विचार करना ही होगा तभी देश में पुलिस तंत्र सुधरा हुआ दिखाई देगा।
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

3 टिप्‍पणियां:

  1. सहमत हूँ.

    हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.

    जय हिन्दी!

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  2. आपका हिन्दी में लिखने का प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है. आपके इस प्रयास के लिए आप साधुवाद के हकदार हैं.

    आपको हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

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  3. आपसे पूरी तरह सहमत हैं जै हिन्द्

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