मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

पाक का युद्ध विराम उल्लंघन

आज कल जिस तरह से भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर हल चल कुछ अधिक ही हुई जा रही है उससे सावधान रहने की ज़रूरत है। अभी जल्दी में ही दो बार पाक द्वारा भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की जा चुकी है। कल फिर से जम्मू से ३० किलोमीटर दूर निकोवाल चौकी पर हुई गोलीबारी में २ जवान घायल भी हो गए हैं। अब सामने से चलने वाली गोली पर हमारे जवान चुप तो नहीं रह सकते तो बस इस तरफ़ से भी गोलियां चलायी गयीं। देश को पाक को यह सीधे शब्दों में बता देना चाहिए कि इस तरह से उकसाने वाली घटनाएँ कभी बड़ा रूप ले सकती हैं और शांत रहने वाली सीमा पर अकारण गोली चलना फिर से आम बात हो जायेगी। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि गोलिया पाक के रेंजर्स ने चलाईं या घुसपैठ को तैयार बैठे आतंकियों ने सुरक्षा बालों की स्थिति जानने के लिए इस घटना को अंजाम दिया ? फिर भी बिना पाक की रजामंदी के कोई सीमा रेखा पर आकर कैसे गोलियां चला सकता है। इसमें पाक का लगाव तो हमेशा की तरह है ही । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आतंकियों के पास घुसपैठ करने का यह अन्तिम समय है इसके बाद ऊंचे स्थानों पर बर्फ पड़ जाने से आना जाना असंभव हो जाता है और जम्मू की बची हुई सीमा पर भारत की आँखे जम जाती हैं कि कोई घुसपैठ न होने पाए। आतंकी आज की स्थिति का फायदा उठाने के लिए तैयार रहते हैं और पाक सेना से मिल रहे समर्थन के कारण उनका काम कुछ हद तक आसान भी हो जाता है। इस समय सीमा सुरक्षा बल की ज़िम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है क्योंकि ये घुसपैठिये आतंकी ही अप्रैल तक अपने नेटवर्क को बढ़ाने और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में लगे रहते हैं । देश के अन्दर कश्मीर घाटी में घटते समर्थन के कारण ही आतंकी अब पहले की तरह आसानी से काम नहीं कर पा रहे हैं। फिर भी यह समय पूरे देश के सचेत रहने का है क्योंकि हमारी लापरवाही ही हमें संकट में बार बार डालती रहती है।


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