आज की एक बड़ी ख़बर जो शायद कल तक सारे समाचार पत्र गाँधी जयंती के अवकाश के बाद छपने लायक भी नहीं समझेंगें बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बार के हरिद्वार के कुम्भ मेला में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं देश के प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे सादिक ने साधू संतो के साथ गंगा जी में दुबकी लगाने के लिए हामी भर दी है। मौलाना कल्बे सादिक तो हमेशा से ही इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने के पक्ष में ही रहते हैं। यदि यह बात किसी तरह से परवान चढ़ जाती है तो देश के इतिहास में नहीं बल्कि सारी दुनिया के इतिहास में यह अपनी तरह की अनूठी घटना होगी। हाँ कुछ लोग कह सकते हैं कि इससे क्या होने वाला है ? उनके वहां पर नहा लेने से अचानक कुछ तो नहीं बदल जाएगा पर वे पूरे भारतीय समाज को यह संदेश देने में सफल हो सकते हैं कि किसी भी धर्म का आदर करना बहुत अच्छी बात है। इस तरह के आयोजन यदि नियमित तौर पर होने लगें तो वे चंद तत्व आम जन मानस को इतनी आसानी से नहीं गुमराह कर सकेंगें। धर्म में विरोध या मत भिन्नता हो सकती है पर किसी धर्म को अच्छा या बुरा बताने की मानसिकता से दूर होने की आवश्यकता है। कोई धर्म बुरी बात नहीं बताता है पर बुराई वहां से शुरू हो जाती है जहाँ से अपने को अच्छा बताने की होड़ शुरू हो जाती है। इस तरह के आयोजन से हो सकता है कि देश में सभी धर्म गुरु मिलकर धार्मिक विवादों को सुलझाने की ओर भी कुछ कदम बढ़ा सकें, जिनमें से अयोध्या विवाद सबसे पेचीदा है। अच्छी शरुआत के साथ हम सभी को होना चाहिए हो सकता है कि इससे देश में एक अच्छे सद्भाव का प्रारम्भ हो.........
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
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