मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

अमेरिका की पाक को सहायता

कल अमेरिकी कांग्रेस ने जिस तरह से पाक को दी जाने वाली सहायता पर सख्त नज़रें गड़ाने की बात की है उससे लगता है की भारत का यह दबाव भी कहीं तक काम कर रहा है। पाक का शुरू से ही रहा है कि विभिन्न देशों से मिलने वाली सहायता राशि का उपयोग वह भारत के खिलाफ करता रहा है और उसने हमेशा ही कट्टरपंथियों का समर्थन किया है। कश्मीर की सारी समस्या के पीछे केवल पाक ही है। आज भी यदि पाक की आतंक समर्थित नीति बदल जाए तो एशिया के कितने ही देशों में अमन आ जाए। पर पता नहीं क्यों पाक अपने जन्म के समय से ही भारत को अपना सहयोगी नहीं मान पाया है वह केवल भारत से अनावश्यक प्रतिद्वंदिता ही रखना चाहता है। यह सही है की भारत में भौगोलिक विविधता है उसका आकार भी बहुत बड़ा है। जितनी पाक की कुल आबादी है उससे ज़्यादा मुस्लिम भारत में रहते हैं। पाक के मुकाबले मुस्लिम भारत में अधिक आज़ादी से रह पा रहे हैं। फिर भी पाक की आतंक समर्थन की नीति बदल नहीं पा रही है। आज के समय पाक के सभी सहयोगियों को इस बात पर ध्यान देना होगा कि जो आग आज भारत तक अपनी लपटें फ़ेंक रही है कल को वह दुनिया के किसी भी हिस्से को झुलसा सकती है यदि पाक को आज नहीं रोका गया। पाक के विकास के लिए सहायता का भारत ने कभी विरोध नहीं किया क्योंकि यदि पाक सुरक्षित है तो भारत निश्चिंत हो सकता है। एक अस्थिर पाक भारत के लिए बहुत बड़ा सर दर्द ही बना रहता है। पाक को दी जाने वाली सहायता को ठीक ढंग से विकास में खर्च किया जाए तो वहां वास्तव में विकास की बयार दिखाई दे सकती है पर क्या पाक में कोई इस बात को स्वीकार करना चाहता है ?

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