अभी लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट लीक होने की ख़बर पुरानी नहीं हुई थी अब एक टी वी चैनल ने यह दावा कर दिया की उसके पास मुंबई हमलों की जांच की राम प्रधान समिति की रिपोर्ट है। हालांकि राम प्रधान ने ऐसी किसी भी ख़बर से इंकार कर दिया है पर चैनल का दावा है इसमें बहुत कुशल कही जाने वाली मुंबई पुलिस पर गंभीर सवाल उठाये गए हैं। इसमें तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त हसन गफूर पर भी संदेह किया गया है कि उनकी भूमिका जितनी तेज़ होनी चाहिए थी वह नहीं हो सकी। उन्होंने अच्छे नेतृत्व का प्रदर्शन नहीं किया जिसके चलते मुंबई पुलिस पूरी तरह से असहाय और भ्रमित दिखाई दी। जिस समय पुलिस को एक कुशल नेतृत्व की ज़रूरत थी उस समय कोई अधिकारी वहां पर कुछ भी बताने के लिए नहीं था। यह सही है की जिस तरह से मुंबई पुलिस ने अपने काम को किया उससे बेहतर तरीके से वह बहुत कुछ कर सकती थी। पर क्या कोई इस बात पर विचार करता है कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकियों से दूसरे विश्व युद्ध के ज़माने की बंदूकों से कैसे मुकाबला किया जा सकता था ? सबसे पहले पुलिस के आधुनिकी करण पर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि जब तक पुलिस में ख़ुद ही इन परिस्थितियों से निपटने की कुशलता नहीं आएगी तब तक कोई भी बल या सेना भी उसकी मदद नहीं कर सकती है। हर स्तर पर पुलिस के पास आधुनिक हथियार होने ही चाहिए जिससे आतंकियों के मन में इस बात का भय भी रहे कि सामने से अचूक निशाना लगाने के लिए घातक हथियार मौजूद हैं। अब इस बात का कोई मतलब नहीं है कि हसन गफूर क्या कर सकते थे या उन्होंने क्या नहीं किया ? क्या सरकार को उनकी पूरी सेवा से यह अंदाज़ा नहीं लग पाया था कि उनके अन्दर नेतृत्व क्षमता है भी या नहीं ? अच्छा हो कि इस तरह के आरोप लगाये जाने से पहले कुशल और फुर्तीले अधिकारीयों पर नज़र रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें ही इस तरह कि विशेष सेवाओं में लगाया जाए। अब भी समय है कि फोर्स १ या एन एस जी के नए केन्द्र बनने के साथ ही पुलिस के व्यापक आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया जाए। सबसे ज़रूरी यह है कि इन पुलिस कर्मियों को सम्मान जनक वेतन भी दिया जाए जिससे वे अनावश्यक रूप से भ्रष्टाचार में न फसें। इनकी हर ज़रूरत का भी ध्यान रखा जाए तभी ये अपनी व अपने परिवार कि ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ग़लत काम में नहीं जायेंगे। केवल कोसने से काम नहीं चलने वाला है अब धीरे धीरे चरण बद्ध तरीके से इन सभी बातों पर भी ध्यान देना ही होगा तभी देश सुरक्षित होगा और इन कर्मियों को काम करने के लिए बेहतर माहौल भी मिलेगा.
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केवल कोसने से काम नहीं चलने वाला है अब धीरे धीरे चरण बद्ध तरीके से इन सभी बातों पर भी ध्यान देना ही होगा तभी देश सुरक्षित होगा और इन कर्मियों को काम करने के लिए बेहतर माहौल भी मिलेगा.
जवाब देंहटाएं-बिल्कुल सही कहा आपने!!