गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जिस तरह से आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर एक सम्मलेन में यह कहा की देश में अब समय आ गया है कि इस मंत्रालय का विभाजन कर दिया जाये. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की यदि अभी इस विभाजन की बात नहीं की जा सकती तो इस पर बराबर ध्यान देने की आवश्यकता तो है ही. उन्होंने कहा कि यह मंत्रालय स्वतंत्रता सेनानियों से लगाकर फोरेंसिक साइंस तक की सभी गतिविधियों पर ध्यान रखता है, पर आज के समय में इसके पास कई काम ऐसे भी हैं जिनका आन्तरिक सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है. यदि इन सभी कामों को अलग नहीं किया जा सकता तो कम से कम इन्हें आन्तरिक सुरक्षा से अलग कर एक अलग स्वतंत्र प्रभार के मंत्री को सौंप देना चाहिए जो बिना अपने कैबिनेट मंत्री से पूछे वहां पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो. जब तक कामों का बंटवारा नहीं किया जायेगा तब तक किसी भी स्थित में आन्तरिक सुरक्षा के मामले कहीं न कहीं उपेक्षित होते चले जायेंगें. यह सही है कि इतने बड़े निर्णय इतनी जल्दी नहीं लिए जा सकते हैं फिर भी इस तरह से काम का बंटवारा करने के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है. अच्छा हो कि इस तरह के कामों को अलग अलग मंत्रियों को सौंपा जाये जिससे वे अपने काम के साथ न्याय कर सकें. देश में प्रशासनिक ढांचे में परिवर्तन के लिए सभी राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों से समस्या एवं सुझाव मांगे जाने चाहिए और उसके बाद किसी स्तर पर सोच विचार के बाद मंत्रालयों का पुनर्गठन होना चाहिए जो कि आज और आने वाले कल के हिसाब से खरे हों.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
बड़े लोगो की बड़ी बड़ी बातें है कभी एक आदमी अपनी बड़ी से बड़ी ज़िम्मेदारी का निर्वाह बखूबी करता था और आज लोग विभाजन की बात कर रहे है..
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