मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 19 जनवरी 2010

राबर्ट गेट्स का भारत दौरा

अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स मंगलवार से भारत के दौरे पर आ रहे हैं जिसमें मुख्य रूप से वे भारत-पाक के तनावपूर्ण संबंधों से लेकर अन्य सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बात करने वाले हैं. मनमोहन सिंह के अमेरिका दौरे के बाद यह किसी बड़े अमेरिकी नेता का पहला भारत दौरा है. जैसा कि सभी जानते हैं कि जब दुनिया दो ध्रुवों में बँटी हुई थी तो भारत का अमेरिका से बहुत कम संपर्क रहता था पर अब बदली हुई परिस्थिति में भारत अमेरिका से सैन्य साजोसामान भी खरीदता रहता है. आधिकारिक तौर पर पेंटागन इस बात को नहीं स्वीकारता की इस दौरे का मक़सद रक्षा सौदे पर मुहर लगाना भी है पर इस मामले पर बात-चीत से इंकार भी नहीं किया जा सकता है. यहाँ से जाने के बाद वे पाक का दौरा भी करने वाले हैं जहाँ पर वे पाक से विभिन्न मुद्दों पर बात बात करेंगें जिसमें पाक में आतंकियों पर लगाम लगाने के बारे में भी बात होने की उम्मीद है. आज जब सारी दुनिया जानती है कि पाक में आतंकी नेटवर्क बहुत बड़े स्तर पर फैला हुआ है फिर भी अमेरिका किसी भी तरह से उस पर लगाम लगाने की बात खुलकर नहीं करता है. आज जब सारी दुनिया आतंकियों से पीड़ित है और स्वयं पाक भी इससे अछूता नहीं है तो भी उसे कुछ नहीं दिखाई देता है. आज भी अगर अमेरिका ने यह नहीं समझा तो फिर से आतंकी कभी भी उस पर हमला कर सकते हैं. अमेरिका के सामने यह मजबूरी भी है कि उसे अफगानिस्तान में जमे रहने के लिए पाक की ज़रुरत है और उसकी इस मजबूरी का फ़ायदा पाक ख़ूब उठा रहा है. आतंक से लड़ने में पाक की ज़रुरत तक तो सब ठीक है पर जब ज़रुरत मजबूरी बन जाती है तो लाचारी सामने आने लगती है. आज दुनिया की एक मात्र महाशक्ति किस तरह से एक आतंक को पनाह देने वाले देश के सामने लाचार हो रही है यह भी देखने का विषय है. फिर भी समय रहते अगर अमेरिका ने विचार नहीं किया तो उसे बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.     



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