मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

अब पुणे ....

कल पुणे में जिस तरह से आतंकी धमाके हुए उसको देखते हुए यह तो कहा ही जा सकता है कि देश में किसी  भी स्तर पर आतंकी अपने आतंकी मंसूबों को कामयाब करने में सक्षम हैं. यह भी सही है कि बहुत बार सतर्कता के चलते भी इस तरह की घटनाओं को टाला जा चुका है. इस समय यह बात करने का भी समय है कि पाक से बात करने की बात से ही धमाके क्यों होने लगते हैं ? इस बात का कोई मतलब नहीं है कि आतंकी यह धमाके करना चाहते हैं क्योंकि पाक सरकार जिस तरह से बात कर रही है क्या उसे दोस्ती वाला कहा जा सकता है ? अच्छा हो कि किसी भी तरह की बात करने से पहले पाक को यह बता ही दिया जाये कि इस तरह के माहौल में कोई भी बात नहीं की जा सकती है.
देश में पाक समर्थित लोग हमले करते रहें और हम शांति की बात करते रहें आखिर यह कब तक चलता रहेगा ? देश में भी चरम तक सोचने वालो कि कमी नहीं है पर किसी भी स्तर पर कोई बात तभी सार्थकता को पा सकती है जब उसके पीछे सही मंशा से काम किया जाये. पाक आज तक कभी भी गंभीर नहीं रहा है अपनी बातों को लेकर... फिर भी कोई किसी भी स्तर पर कैसे बात कर सकता है ? हम कश्मीर की बात ही नहीं करना चाहते पर पाक बलूचिस्तान में भी हमारी उपस्थिति की बात करना चाहता है ? सभी जानते हैं कि भारत का वहां पर कुछ नहीं है पर पाक कुछ झूठे सबूत जुटा कर हमारी बदनामी तो कर ही रहा है.
आज पाक को साफ़ शब्दों में बता दिया जाना चाहिए कि लाशों के ढेर पर किसी तरह की बात नहीं हो सकती है ? अगर बात करनी है तो भारत के दोषियों को या तो हमें सौंप दो वरना बात करने के मंसूबे पालना बंद कर दो.  


मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

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