बंगलुरु बम धमाकों के सम्बन्ध में गिरफ्तार किये गए मदनी ने आई पी एल मैच के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर होने वाले बम धमाके में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. जिस तरह से मदनी के खिलाफ २००८ बम धमाकों में जांच चल रही थी और जितनी मुश्किल के बाद उसे हिरासत में लिया गया है उससे बाद में अनेक विवादों को हवा मिल सकती है. अगर मदनी को देश की न्याय व्यवस्था पर ज़रा सा भी भरोसा होता तो वह खुद ही न्यायलय में हाज़िर होस कता था पर इसके स्थान पर उसने लोगों को भड़काने का प्रयास किया और अपनी गिरफ़्तारी को बहुत लम्बे समय तक टालने का प्रयास भी किया. देश में किसी के भी खिलाफ़ आरोप लगने पर जाँच की जा सकती है और अगर वह व्यक्ति अपने मदरसे के बच्चों के बीच घुसकर बैठ जाये और अपनी गिरफ़्तारी का विरोध उनसे करवाए तो उस व्यक्ति पर संदेह तो होने ही लगेगा?
अच्छा होता कि मदनी अपने को कानून के सामने सबूतों के आधार पर निर्दोष साबित करने की कोशिश करता क्योंकि तब सभी देखते कि उसके साथ अन्याय हो रहा है या नहीं ? आज देश में मीडिया जिस तरह से जागरूक है उसको देखते हुए किसी भी निर्दोष को कम से कम बड़े मामलों में इस तरह से आसानी से नहीं फसाया जा सकता है ? बहुत सारे मामलों में तो मीडिया कि संलिप्तता के कारण ही खुलासा हो पाया है और आगे भी कुछ पत्रकार इस तरह के खुलासे करते ही रहेंगें .
मदनी की तरह देश क्या पूरी दुनिया के सामने मुंबई हमलों के समय पकड़ा गया अजमल कसाब भी अपने को निर्दोष बता रहा है ? यह कानून का काम है कि इस तरह ले लोगों के साथ पूरी सख्ती करे जो अपने गुनाहों को छिपाने के लिये दीन धर्म का सहारा लेते रहते हैं ? ऐसे लोगों से निपटने के लिए नियमों में कुछ और कड़ाई करनी चाहिए जिससे आम तौर पर लोग कुछ भी करने के बाद इसमें धर्म को न घुसेड सकें ? देश को अब आवश्यकता है कुछ विशेष अदालतों की जो हर राज्य में होनी चाहिए और जिनके पास केवल इस तरह के देश विरोधी मामलों में त्वरित सुनवाई का अधिकार ही होना चाहिए क्योंकि जब तक आतंकी घटनाओं में लिप्त लोगों को त्वरित रूप से दण्डित नहीं किया जायेगा तब तक इस पर आसानी से रोक नहीं लगायी जा सकेगी.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
मदनी कब गिरफ्तार हुआ? किसी चैनल पर तो इसके बारे में कोई खबर नहीं आयी! न किसी चैनल पर मदनी की स्वीकारोक्ति की खबर आई है.
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