मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

सरकारी निर्णय और नियम

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय में यह आदेश दिया कि पूर्ववर्ती सरकार के सभी निर्णय नयी सरकार पर बाध्यकारी होंगें बशर्ते वे दुर्भावना पूर्ण, नियम और संविधान विरुद्ध न हों. खंडपीठ ने यह भी कहा कि कोई भी सरकार पहली की सरकार के निर्णय को केवल इस आधार पर झुठला नहीं सकती है कि वह उसका निर्णय नहीं है. कानपुर के एच बी टी आई संसथान में २००७ में नियुक्त प्रोफेसर यदुवीर सिंह की नियुक्ति को राज्य सरकार ने यह कहकर निरस्त कर दिया था कि इनका नियुक्ति पत्र जरी नहीं किया गया है जबकि सरकार ने उनकी नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया था और चुनाव के कारण उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा सका था. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार पर दो लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया.
        इस तरह के मामलों के लिए यह एक नज़ीर बनने वाला फ़ैसला है क्योंकि बहुत बार चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नीतिगत और आवश्यक फैसले लेने में बहुत देर हो जाया करती है. हमारे देश में अभी तक कोई ऐसा तंत्र विकसित नहीं किया जा सका है जो कि इस तरह के मामलों में राज्य सरकारों या केंद्र सरकारों पर बाध्यकारी हो. देश में नियुक्ति विभाग तो है और राज्य कर्मियों के लिए बहुत सारी योजनायें आदि भी हैं पर किसी भी विभाग में यह नहीं देखा जाता है कि आने वाले समय में यह सारा काम किस तरह से चलेगा अगर अचार संहिता लागू है ? जनता से जुड़ा कोई भी काम नहीं रोका जा सकता है इन पर रोक लगाने का मतलब केवल इतना होता है कि सत्ता का दुरूपयोग करके कोई दल अपने हित के लए कोई फैसले न ले सके. पर कई बार सरकारें इन बातों का ही बहाना बनाकर अपने कर्तव्य को ही भूल जाती हैं जिसके लिए जनता उन्हें सत्ता सौंपती है.
           देश में कहीं न कहीं किसी न किसी स्तर पर कोई न कोई चुनाव तो होते ही रहते हैं जिसके कारण बहुत बार आवश्यक कामों में रूकावट आती रहती है. चुनाव के समय भी काम सुचारू रूप से चलता रहे इसके लिए हम सभी को कुछ ऐसा करना ही होगा कि वास्तव में विकास की धारा अवरुद्ध न होने पाए. साथ ही देश के राजनैतिक दलों को इतना परिपक्व भी होना पड़ेगा कि चुनाव के समय अपने छोटे से लाभ के लिए जनता के ज़रूरी कामों को रोकने का कोई काम न करें. नेता और दल व्यवस्था का अंग हैं पर पता नहीं इन सभी को यह समझ में क्यों नहीं आता है या फिर सब जानते हुए भी ये कुछ भी समझना नहीं चाहते हैं.        
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

1 टिप्पणी:

  1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!!

    नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...

    कृपया ग्राम चौपाल में आज पढ़े ------
    "चम्पेश्वर महादेव तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य का प्राकट्य स्थल चंपारण"

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