मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 27 दिसंबर 2010

फिर से कोहरे की मार

दिल्ली ने एक बार फिर से घने कोहरे के साथ सब कुछ पटरी से उतरते देखा. अभी तक कोई भी यह बता पाने में सक्षम नहीं हो पा रहा है कि आख़िर कब दिल्ली या देश के उत्तरी भागों में इस तरह से हर वर्ष हवाई और रेल यात्री परेशान होते रहेंगें फिर भी इन सारी परिस्थितियों से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय अभी तक भारत में कुछ भी नहीं किया जा सका है. यह सही है कि इस तरह की प्राकृतिक रूप से विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए कभी भी सारा कुछ ठीक नहीं हो सकता है पर जिस स्तर पर इससे निपटा जाना चाहिए अभी तक वैसे उपाय नहीं अपनाये जा रहे हैं. दुनिया के बहुत सारे हिस्सों में आज भी हमारे यहाँ से अधिक कोहरा होता है पर वहां पर इस तरह से जिंदगी पूरी तरह से ठप नहीं हो जाया करती है ?
          रेल विभाग अभी तक कोहरे से निपटने के लिए पुरानी पटाखे लगाने वाली व्यवस्था के सहारे ही चल रहा है कहने को भारतीय रेल ने बहुत तरक्की कर ली है पर अभी भी हमें इस मामले में कोई महारत हासिल नहीं हो पायी है. वैसे भी इस देश में रेल सभी का सबसे निरीह विभाग है जो भी गुस्सा होता है वह केवल रेल को रोक कर या उसकी संपत्ति को नुक्सान पहुंचा कर ही कुछ हासिल करना चाहता है ? लगता है प्रकृति को भी रेल से कुछ ज्यादा ही प्यार है तभी मौसम का सबसे ज्यादा असर इस पर ही होता है ?
         देश में सब कुछ है पर अगर कुछ नहीं है तो वह है मज़बूत इच्छा शक्ति....... आज अगर हम चाहें तो सब कुछ कर सकते हैं पर शायद रेल भवन में बैठने के लिए हर सरकार पर दबाव डालकर इसे पाने वाले सहयोगी दल आज तक रेल को अपनी शर्तों पर ही चलते रहे हैं पिछले १५ वर्षों से सबसे बड़े सरकारी दल के पास रेल विभाग कभी भी नहीं रहा तो लगता है कि इस मंत्रालय के लिए केवल सौदे बाज़ी ही होती रहती है पर इसके विकास और सुधार पर कम ही ध्यान दिया जाता है. हवाई यात्रा के बारे में क्या कहा जाये क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर सरकार से लगाकर आला अधिकारी तक बहुत दिलचस्पी लेते हैं पर इस क्षेत्र में जो सुधार किये जाने चाहिए वह अभी तक नहीं किये जा सकें है जहाँ पर कम दृश्यता में उड़ने के लिए तकनीक है तो वहां पर पायलट प्रशिक्षित नहीं हैं ? अभी सरकार ने उड़ानों के लिए कुछ नियमों में ढील देने की कोशिश की है पर इससे केवल कुछ हद तक संकट कम किया जा सकता है इसका पूरा उपचार किया जाना अभी भी बाकी है.   

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें