२जी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने यह कहकर इस पूरे मामले में एक नया आयाम खोल दिया है कि आने वाले समय में इससे जुड़े कुछ और बड़े खुलासे भी हो सकते हैं. पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के दिश निर्देशों में इस पूरे मामले की छान बीन करने में लगी हुई इस एजेंसी के सामने अपने को साबित करने का यह बहुत अच्छा और बड़ा अवसर है. अभी तक इस मामले के तार मारीशस तक पहुँच चुके हैं और इस बात से अधिक आशा बन रही है क्योंकि मारीशस के सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. अब इस मामले में कुछ भी वहां के स्तर पर छिपा नहीं रह पायेगा. जिस तरह से इस पूरे मामले में कानून की कमियों का भरपूर लाभ उठाया गया वह अपने आप में बहुत ही अनूठा है.
सबसे बड़ी बात जो सामने आ रही है वह यह है कि इस घोटाले से जुडी १२ कम्पनियों का पता मारीशस में एक ही है जिससे किसी बड़ी साज़िश की भनक भी लगती है वैसे जिस तरह से सीबीआई इस मामले में अब बिना दबाव के काम कर पा रही है वह देश के हित में ही है. क्योंकि अभी तक जो कुछ भी किया जा रहा था उसमें कहीं न कहीं सरकारी दख़ल भी होता था और यह बात पूरा देश जानता है कि देश में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हमेशा से सरकारें करती ही रहती हैं पर इस समय ईमानदार मनमोहन की सरकार पर भ्रष्टाचार के छींटें पड़े हुए हैं और जनता के सामने उन्हें, सरकार और कांग्रेस को यह साबित करना है कि जो भी दोषी है उसको कड़ी सजा दी जाएगी. इस मामले में द्रमुक की हार ने मनमोहन को और खुलकर काम करने की छूट दे दी है क्योंकि अब आज की स्थिति में द्रमुक सरकार पर किसी भी तरह का दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है.
इस पूरे घोटाले में अब समय आ गया है कि जो भी दोषी हो उसे कड़ी सजा दी जाए भले ही उसने नियमों का लाभ उठाया हो या फिर उसने किसी भी रास्ते से इस घोटाले को अंजाम दिया हो. देश में तेज़ी से बढ़ते टेलिकॉम उद्योग के लिए भी यही अच्छा होगा कि पूरा मामला ठीक ढंग से निपटा जाए और साबित होने पर दोषी दूर संचार कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये और उनसे जुर्माने की राशि भी वसूली जाए. अब समय है कि मनमोहन सरकार और सोनिया यह साबित करें कि उन्हें देश में किसी भी तरह के भ्रष्टाचारी नहीं चाहिए क्योंकि अब गेंद उनके ही पाले में पहुंची हुई है और कोई अन्य व्यक्ति इसे साबित नहीं कर सकता है. देश में लोकपाल कानून आने से पहले ही इस पूरे मसले पर पूरी तरह से विचार किया जाए और जनता को इस बात के लिए आश्वस्त किया जाए कि अब सरकार केवल बातें नहीं कर रही है और वह कुछ ठोस करने की तरफ जा भी रही है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें