दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए कर बम विस्फोट की जांच के समय नए नए तथ्य सामने आ रहे हैं अभी तक केवल यही माना जा रहा था कि यह विस्फोट कम तीव्रता वाला और साधारण विस्फोटकों से बनाया गया था पर अब यह बात भी सामने आ रही है कि इसमें ख़तरनाक पेंटाएरीथ्रिटॉल टेट्रानाइटे्रट ( पीईटीएन ) का भी प्रयोग किया गया था जो विस्फोट की तीव्रता को कई गुना तक बढ़ाने की ताक़त रखता है. घटना स्थल से जिस तरह से मोम, वैसलीन और कीलें भी बरामद हुई हैं उससे लगता है कि इन पदार्थों से होने वाली तबाही का पूरा अंदाज़ा आतंकियों को है. उन्होंने जिस तरह से दिल्ली को चुना वह अभी अपने आप में एक संकेत हो सकता है कि कहीं न कहीं से वे दुनिया को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि वे अभी भी भारत में हमले करने की ताक़त रखते हैं भले ही उनकी कमर कितनी भी टूट गयी हो. भारत में हमला करके वे भारत पाक संबंधों को और तनाव पूर्ण भी बना सकते हैं और पाक में सरकार का तख्ता पलट भी हो सकता है.
जांच एजेंसियों का यह कहना है कि यह विस्फोट समय से पहले हो गया था जिस कारण वहां पर नुक्सान बहुत कम हुआ है अगर यह थोड़ी देर से होता तो इसकी गंभीरता का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल हो जाता. एजेंसियां इस निष्कर्ष पर भी पहुँच रही हैं कि इसकी पैकिंग भी ठीक ढंग से नहीं की गयी थी जिस कारण से भी विस्फोट से उतना नुकसान नहीं हो पाया. चाहे जो भी हो पर इस तरह से कुछ भी करने से पहले आतंकी अपना पूरा होमवर्क करना चाहते हैं हो सकता है कि उन्होंने जान बूझकर ही इसके समय और पैकिंग को सही न किया हो जिससे वे इसको प्रयोग करके देखना चाहते हों ? हो सकता है कि वे इस बात का अंदाज़ा भी लगाना चाहते हों कि कितने बड़े बम से कितना नुक्सान किया जा सकता है ? अब इस बात पर खुश होने की कोई आवश्यकता नहीं है कि यह बम ठीक से नहीं बना था या यह जल्दी फट गया बल्कि इस बात को देखने की ज़रुरत है कि दिल्ली में आज भी इन आतंकियों के लिए काम करने वाले लोग मौजूद हैं ? जब तक इन लोगों को नहीं ढूँढा जायेगा तब तक दिल्ली समेत पूरा देश हमेशा ही ख़तरे में रहेगा.
आज इस बात की फिर से आवश्यकता बढ़ गयी है कि पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र अपना काम ठीक ढंग से करें जिससे संदिग्ध लोगों पर नज़र रखी जा सके साथ ही आम जनता को भी अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि हमारे आस पास अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि चल रही है तो उस पर नज़र रखने और उसे पूरी तरह से पुलिस तक समय से पहुँचाने के लिए हमें सीख लेनी ही होगी क्योंकि जब भी आम लोग इस तरफ़ से अपना ध्यान हटाकर लापरवाह हो जाते हैं तो आतंकियों के लिए काम करना बहुत आसान हो जाया करता है. देश की व्यापकता को देखते हुए यह उम्मीद करना ठीक नहीं है कि हर काम पुलिस ही करती रहे पर हमें हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखने की सोच विकसित करनी ही होगी क्योंकि किसी भी आतंकी घटना से प्रभावित होने वालों में आम नागरिक ही होते हैं. पाकिस्तान और आतंकियों पर जिस तरह से दबाव बन रहा है उससे हो सकता है कि हताशा में आतंकी कुछ भी करने से न चूकें. अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी पुलिस के आंख और कान बने साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर उन्हें सूचित करने का काम भी करें.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
जांच एजेंसियों का यह कहना है कि यह विस्फोट समय से पहले हो गया था जिस कारण वहां पर नुक्सान बहुत कम हुआ है अगर यह थोड़ी देर से होता तो इसकी गंभीरता का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल हो जाता. एजेंसियां इस निष्कर्ष पर भी पहुँच रही हैं कि इसकी पैकिंग भी ठीक ढंग से नहीं की गयी थी जिस कारण से भी विस्फोट से उतना नुकसान नहीं हो पाया. चाहे जो भी हो पर इस तरह से कुछ भी करने से पहले आतंकी अपना पूरा होमवर्क करना चाहते हैं हो सकता है कि उन्होंने जान बूझकर ही इसके समय और पैकिंग को सही न किया हो जिससे वे इसको प्रयोग करके देखना चाहते हों ? हो सकता है कि वे इस बात का अंदाज़ा भी लगाना चाहते हों कि कितने बड़े बम से कितना नुक्सान किया जा सकता है ? अब इस बात पर खुश होने की कोई आवश्यकता नहीं है कि यह बम ठीक से नहीं बना था या यह जल्दी फट गया बल्कि इस बात को देखने की ज़रुरत है कि दिल्ली में आज भी इन आतंकियों के लिए काम करने वाले लोग मौजूद हैं ? जब तक इन लोगों को नहीं ढूँढा जायेगा तब तक दिल्ली समेत पूरा देश हमेशा ही ख़तरे में रहेगा.
आज इस बात की फिर से आवश्यकता बढ़ गयी है कि पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र अपना काम ठीक ढंग से करें जिससे संदिग्ध लोगों पर नज़र रखी जा सके साथ ही आम जनता को भी अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि हमारे आस पास अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि चल रही है तो उस पर नज़र रखने और उसे पूरी तरह से पुलिस तक समय से पहुँचाने के लिए हमें सीख लेनी ही होगी क्योंकि जब भी आम लोग इस तरफ़ से अपना ध्यान हटाकर लापरवाह हो जाते हैं तो आतंकियों के लिए काम करना बहुत आसान हो जाया करता है. देश की व्यापकता को देखते हुए यह उम्मीद करना ठीक नहीं है कि हर काम पुलिस ही करती रहे पर हमें हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखने की सोच विकसित करनी ही होगी क्योंकि किसी भी आतंकी घटना से प्रभावित होने वालों में आम नागरिक ही होते हैं. पाकिस्तान और आतंकियों पर जिस तरह से दबाव बन रहा है उससे हो सकता है कि हताशा में आतंकी कुछ भी करने से न चूकें. अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी पुलिस के आंख और कान बने साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर उन्हें सूचित करने का काम भी करें.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
देश की व्यापकता को देखते हुए यह उम्मीद करना ठीक नहीं है कि हर काम पुलिस ही करती रहे पर हमें हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखने की सोच विकसित करनी ही होगी
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सही कहा आपने। हर किसी को यह जिम्मेदारी निभानी होगी।
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मौलवी और पंडित घुमाते रहे...
सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।