मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 5 मई 2011

भारत भी सक्षम

      लखनऊ के सैनिक स्कूल के एक समारोह में आये थल सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने भारतीय सेना की क्षमताओं के बारे में बताते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर भारत भी एबटाबाद जैसी कार्यवाई करने में सक्षम है. उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय सेना के तीनों अंग देश के लिए आवश्यकता पड़ने पर इस तरह की किसी भी कार्यवाही को सफलता पूर्वक अंजाम दे सकने में पूरी तरह से समर्थ हैं. पत्रकारों द्वारा बार बार पूछे जाने पर उन्होंने यह कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सेनाएं भी ऐसा कर सकती हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने पाक सरकार की सहमति से यह काम किया या बिना बताये हुए यह तो वही बता सकते हैं पर कोई भी संगठित सेना इस तरह की किसी भी अभियान को संचालित कर सकती है. 
    दूसरी तरफ़ अपुष्ट खबरों से यह भी पता चल रहा है कि भारत सरकार  इस तरह के किसी भी अभियान के बारे में सोचने से पहले सम्बंधों को मज़बूत बनाने की मंशा रखती है. यह सही है कि जितनी आसानी से अमेरिका ने पाक में अभियान चलाया किसी भी और देश के लिए यह चलाना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि पाक के पास भी अपनी मज़बूत सेना है जो इस तरह की किसी भी अभियान को विफल करने के लिए पूरा जोर लगा देगी. हो सकता है कि अमेरिका ने पाक को इस अभियान के बारे में पहले से बता दिया हो पर उसने यह नहीं बताया हो कि यह अभियान पूरी तरह से ओसामा के ख़िलाफ़ ही किया जा रहा है ? पहले अमेरिका के प्रयास पाक को बताने के कारण ही असफल हो गए थे इसलिए उसने इस बार पाक को कुछ भी स्पष्ट न बताया हो ? यह बात किसी भी स्तर पर स्वीकारी नहीं जा सकती है कि पाक की वायु सेना इस पूरे अभियान के दौरान अनजान बनकर चुप रही हो ?
     आज पाक पर चौतरफा दबाव है एक तरफ अमेरिका उससे कड़ी कार्यवाही की आशा करता है वहीं पाकिस्तानी जनता ओसामा को मारने वालों से नफ़रत करती है ? भारत पाक पर इस बात का दबाव बनाना चाहता है कि अब जब सबसे बड़ा आतंकी पाक में है तो भारत की यह बात भी सही है कि पाक ने आतंकियों को शरण देकर ही कश्मीर में खून ख़राबा कराया हुआ है. आज भारत का यह पक्ष मज़बूत हुआ है और जहाँ तक भारतीय सेना की बात है तो वह विश्व की सबसे अनुशासित सेना है और एक बार आवश्यकता पड़ने पर मालदीव में जाकर भारतीय सेना ने वहां की तत्कालीन गयूम सरकार को बचाया भी था पर वहां कि स्थिति और पाक की स्थिति में बहुत बड़ा अंतर है. फिर भी भारत को अपने विकल्प खुले रखें चाहिए और आने वाले समय में पाक के न चेतने पर हमला करने और आतंकियों का ढांचा नष्ट करने के बारे में भी सोचना चाहिए.        
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