मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 21 मई 2011

पाक और चीन का साथ

       एक बार फिर से पाक और चीन का गठजोड़ भारत के लिए समस्याएं पैदा करने का काम करने वाला है वैसे भी अभी तक इन दोनों पड़ोसी देशों ने भारत को बिना बात के संघर्ष में उलझाये रखने की अपनी नीति का अभी तक त्याग नहीं किया है. ऐसे में तीनों सेनाओं के कमांडरों के साथ साझा बैठक के बाद रक्षा मंत्री ए के एंटोनी ने इस गठजोड़ से आने वाली समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी शक्ति में और बढ़ोत्तरी करने की बात पर जोर दिया है. यह सही है कि पाक तो अपने जन्म के समय से ही भारत का विरोध करता रहता है और चीन अकेले भारत से टकराव लेने के स्थान पर पाक को इस काम में लगाये रखता है जिससे भारत के सामने आतंक का बड़ा मुद्दा हमेशा ही खड़ा रहता है. इस आतंक के चलते ही भारत के बहुत बड़े संसाधन केवल इससे निपटने में ही लग जाया करते हैं और साथ ही जान माल का बहुत नुकसान भी होता है. साथ ही जो शक्ति देश के विकास में लग सकती है वह इसमें उलझ कर बेकार होती है. 
             यह भी सही है कि आज के समय किसी भी देश के लिए अचानक ही युद्ध छेड़ना बहुत मंहगा पड़ सकता है पर पाक में आज जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसमें वहां के शासक अपनी खाल बचाने और जनता का ध्यान बंटाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और भारत पाक के बीच एक बार फिर से अनावश्यक संघर्ष का कारण यहीं से निकल कर सामने आ सकता है. अभी तक पाक ने जिस तरह से अपने तेवर दिखाए हैं उसने यही लगता है कि वह हताशा में कोई भी कदम उठा सकता है और संकट के समय में चीन उसे हर स्तर पर सहायता देने में नहीं चूकने वाला है जिससे यह सब कुछ भारत के लिए बहुत कठिन हो सकता है. भारत पाक युद्ध के समय अमेरिका का दबाव तो पाक पर बन सकता कि वह भारत को अनावश्यक रूप से युद्ध में न उलझाये पर चीन तो चाहेगा कि भारत पाक से संघर्ष में उलझा रहे जिससे उसकी प्रगति रुक जाए.
     जिस तरह से पाक की बयानबाज़ी सामने आई और उसके बाद भारत सरकार भी चौकन्नी हुई है उससे तो यही लगता है कि अगर पाक ने इस बार ऐसी कोई भी ग़लती की तो वह उसे पहले की ग़लतियों से बहुत भारी पड़ने वाली है. अभी तक पाक ने भारत को अप्रत्यक्ष युद्ध में ही उलझा रखा है पर अब समय आ गया है कि भारत उसे ऐसा सबक दे दे जिससे आने वाले समय में वह इस तरह की कोई भी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे. अमेरिका पर अपने देश के अन्दर से ही पाक के साथ संबंधों की समीक्षा करने का जो दबाव बन रहा है और वह पाक से दूर हो सकता है उसके बाद चीन का पाक को हर स्तर का समर्थन यही दिखता है कि वह भी भारत को शान्ति के साथ नहीं बैठने देना चाहता है. आज के समय में चीन के अमेरिका से ज्यादा व्यापारिक हित भारत से टकराते हैं जिसका कोई और तोड़ चीन के पास नहीं है. गुणवत्ता में भारतीय माल ने चीन को हर स्तर पर पीछे छोड़ दिया है और आने वाले समय में भारत ही उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी बनकर सामने आने वाला है. चीन अपनी बन्दूक पाक के कंधे पर से चलाना चाहता है. अब भारत के चेतने का समय है तभी इन पडोसी देशों के दुस्साहस को सही जवाब दिया जा सकेगा.         
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