मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

रविवार, 29 मई 2011

पाक के परमाणु हथियार

       लगता है कि इतने सारे सबूतों के बाद भी अमेरिका और उसके सहयोगी दलों के पास सोचने और समझने की शक्ति समाप्त हो गयी है कि वे आज भी ओसामा मामले में पाक को पाक साफ़ मान रहे हैं ? यदि यह सब ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इस अनदेखी से लगने वाली आग़ बहुत जल्दी ही इन दूर के देशों को भी अपने लपेटे में ले लेगी. तालिबान ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि उसकी मंशा पर के परमाणु हथियारों पर कब्ज़ा करने की है जिससे वे उसके दम पर अमेरिका आदि को  डरा सकें. तालिबान प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से यह भी कहा है कि पाक के पास इस्लामी बम है फिर भी वह अमेरिका की गुलामी करता रहता है जो किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ऐसी बातें करके तालिबान ओसामा के मरने से उपजी सहानुभूति को अपने पक्ष और पाक सरकार के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना चाहता है.
     अभी तक जो सारी बातें केवल हवा में ही लग रही थीं कराँची में पाक के नौसेना केंद्र में घुसकर आतंकियों ने उन्हें और सही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है अभी भी कहीं न कहीं से इस बात की आशंका अब पाक और अमेरिका के लिए अधिक है क्योंकि पाक के परमाणु हथियारों के बारे में अभी तक बाकी दुनिया जितनी निश्चिन्त थी अब वैसा नहीं रहने वाला है. कराँची नौसेना केंद्र से केवल २४ किमी की दूरी पर ही पाक के परमाणु ज़खीरे को रखा गया है. जिस तरह से और जितनी आसानी से ये आतंकी कराँची पर हमला कर सके उसे देखते हुए यह भी संभव है कि कल को वे पाक के परमाणु हथियारों पर कब्ज़ा करने के लिए भी हमला कर दें ? वैस तो किसी भी अनुशासित फौज में इस तरह की कोई बात आसानी से नहीं हो सकती है पर पाक ने जिस तरह से फौजियों को भी धर्म की घुट्टी पिला रखी है उस कारण से इस तरह के खतरे और बढ़ गए हैं. आज पाक यह खोज रहा है कि आख़िर करांची में हमले के पीछे किन किन फौजियों ने आतंकियों की मदद की होगी ?
     बाक़ी दुनिया और पाक चाहे जो कहता रहे पर तालिबान और अल कायदा अपने तय रास्ते पर धीरे धीरे आगे ही बढ़ते जा रहे हैं. इस सबसे बड़ा ख़तरा भारत के लिए भी आने वाला है क्योंकि वैसी किसी भी स्थिति में आतंकी जिहाद के नाम पर भारत पर हमला बोलने में नहीं चूकेंगें और अपने जन्म के समय से ही भारत से चिढ़ी हुई पाक सेना भी ऐसे किसी कदम का कोई खास विरोध नहीं करेगी क्योंकि वे खुले और छापामार युद्ध में भारत से कई बार मात खा चुके हैं. अब यही सही समय है कि भारत सरकार को अपनी रणनीति फिर से इसी हिसाब से तैयार करनी चाहिए क्योंकि आने वाले समय में पाक की तरफ से कोई भी हरकत हो सकती है. आज आतंकी भारत पर हमला करके युद्ध जैसी स्थिति फिर से बनाने का प्रयास करने से नहीं चूकने वाले हैं फिर भी अब भारत को अधिक सतर्क रहने की ज़रुरत है. चीन पाक के साथ तो ज़रूर है पर जब उसे भी फिर से आतंक को अपने यहाँ झेलना पड़ेगा तो वह अमेरिका की तरह पाक में घुसकर आतंकियों का सफाया करने से भी नहीं चूकने वाला है बस भारत को चीन के साथ इस स्टार पर भी वार्ता करके आगे की रणनीति बनानी चाहिए.     
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. मियां शुभ शुभ बोलो, फ़ालतू की दहशत न फैलाओ और हमारे ब्लॉग पर आओ, शांति और ख़ुशी का ख़ज़ाना पाओ। आने वाला समय हमारा है। किसी की साज़िश भारत का कुछ बिगाड़ नहीं सकती अगर हम और आप आपस में मज़बूत हैं और एक-दूसरे से संतुष्ट हैं। अमेरिका को उसके नागरिक ही ले डूबेंगे। वे गे बनेंगे या ऐसे ही किसी के साथ रहेंगे। मज़े की ख़ातिर बच्चे वे पैदा करते नहीं। बच्चे हमारे यहां हैं। वे हमसे बच्चे मंगाएंगे और अपने देश की कुर्सियों पर बिठाएंगे और बिठा भी रहे हैं। पाक परमाणु बम बनाए तो बनाए हमारे पास प्रेम की शक्ति है। हम अपनी बीवियों से प्यार करेंगे। प्यार के फूल खिलेंगे तो वे बच्चे बनकर धरती पर फैलेंगे। जो फैलता है वह कभी मिटता ही नहीं। पाकिस्तान ख़ुद हमारा ही बच्चा है और अफ़ग़ानिस्तान भी अपना ही पुराना हिस्सा है। ईरान भी अपना ही है। सारा इलाक़ा अपना है, बस ढंग से बात करने की ज़रूरत है। सारे इलाक़े में अपने ही बच्चे आबाद हैं, किस पर कौन बम गिराएगा ?
    वहम है सब और राजनीतिक स्टंट भी।
    और बाइ दि वे अगर कोई गिरा भी दे और हम सक्षम हैं तो हम पहले से भी ज़्यादा मज़बूत होकर उभरेंगे जैसे कि जापान उभरा।
    ‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
    सदियों रहा है दुश्मन दौरे ज़मां हमारा‘
    अल्लामा इक़बाल पूरी तसल्ली देकर गए हैं मियां।
    बहुत सोच लिया राष्ट्रवादी बनकर और फ़ालतू में डरकर और डराकर अब तो आप यह देखें

    ख़ुशी के अहसास के लिए आपको जानना होगा कि ‘ख़ुशी का डिज़ायन और आनंद का मॉडल‘ क्या है ? - Dr. Anwer Jamal

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  2. पाक और मुसलमान पर भरोसा ना बाबा ना

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