मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

रेलवे की पहल

      कोहरे के कारण हर वर्ष जिस तरह से आम रेल यात्रियों को बहुत सारे कष्ट झेलने को मजबूर होना पड़ता है लगता है अब उससे यात्रियों को निजात दिलाने के लिए रेलवे ने कमर कस ही ली है. उत्तर रेलवे के दिल्ली डिविज़न ने अगले हफ्ते से एसएमएस आधारित रेल सूचना शुरू करने की घोषणा की है जिसमें यात्रीगण केवल एक सन्देश भेजकर अपनी ट्रेन की सही स्थिति का अंदाज़ा लगा पाने में सफल हो सकेंगें. अभी तक इस काम के लिए उन्हें रेलवे की पूछताछ सेवा पर आश्रित रहना पड़ता है जो अत्यधिक दबाव के कारण अधिकतर व्यस्त रहा करती है जिसका लाभ अधिकांश लोगों को नहीं मिल पाता है. अब इस तरह की सेवा शुरू करने से आम यात्रियों को इस सबसे निजात मिल जाएगी ऐसा माना जा रहा है पर अभी भी रेलवे को इस दिशा में बहुत कुछ करना है और इसके बिना यात्रियों की बढती संख्या पर रेलवे के संसाधन हमेशा की तरह ही कम पड़ते दिखाई देंगें.
     जैसा कि कुछ दिन पहले कानपुर आईआईटी के सहयोग से बनायीं गयी एक प्रणाली सिमरन को रेलवे ने प्रयोग में लाने के बाद कुछ महत्वपूर्ण गाड़ियों की वास्तविक स्थिति यात्रियों को खुद ही पता करने की सुविधा दी है उसके बाद ऐसी सेवा को प्राथमिकता के आधार पर पूरे देश में चरण बद्ध तरीके से लागू किये जाने की आवश्यकता है. आज के समय में रेलवे में जो कुछ भी किया जा रहा है वह बहुत है पर जिस तरह से पूरे भारत में इसका विशाल नेटवर्क फैला हुआ है उसमें बहुत कुछ सुविधाएँ बहुत कम पड़ जाया करती हैं. अब इस तरह के उपाय जल्दी से ही शुरू करके कुछ ठोस काम करने ही होंगें जिससे आने वाले समय में आम यात्रियों की इस तरह की समस्याओं को कम किया जा सके. ऐसा भी नहीं है कि रेलवे के पास संसाधनों का इतना टोटा है कि वह अपने यात्रियों को इस तरह की मूलभूत सुविधाएँ भी न दे सके क्योंकि इस तरह के प्रयास केवल दृढ इच्छा शक्ति और तकनीकी के बेहतर प्रयोग से बहुत आसनी से पाये जा सकते हैं.
     सबसे बड़ी ज़रुरत इस बात पर ध्यान देने की भी है कि कोई भी नयी योजना बना तो बहुत आसान होता है और उसे बहुत जोर शोर से शुरू भी कर दिया जाता है पर जब इस पर बाद के नियंत्रण की आवश्यकता आती है तो हम यह भूल जाते हैं कि इस तरह की सेवाओं पर बराबर नज़र रखने की ज़रुरत भी होती है. ऐसे में केवल एक प्रयास ही महत्वपूर्ण नहीं होता है बल्कि इन प्रयासों को पूरी ईमानदारी से चलाये जाने की ज़रुरत होती है और शायद इसमें हम हमेशा से ही पिछड़ जाया करते हैं और हमारे द्वारा शुरू किये गए अच्छे प्रयास भी केवल बाद में लापरवाही के कारण ख़त्म से हो जाया करते हैं. अब इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि रेलवे जिस प्रचार के साथ इसे शुरू करने जा रही है उसके बाद इस पर पूरा ध्यान भी दिए जाने की ज़रुरत है जिससे यह योजना अपने आप में पूरी सफलता के साथ चल सके.            
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