मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 9 जुलाई 2012

नक़ली नोट और पहचान

       
भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश में नक़ली नोटों के बारे में देश की चिंताओं को समझते हुए एक वेबसाइट बनायीं है जहाँ पर कोई भी बैंक द्वारा चलाये जा रहे नोटों के बारे में यह जान सकता है कि जो नोट उसे मिल रहे हैं उनमें से कोई नक़ली तो नहीं हैं ? देश में पाकिस्तान और खाड़ी देशों के माध्यम से जितनी बड़ी मात्रा में नक़ली नोटों को चलाकर देश की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर करने की साजिश की जा रही है उससे समय रहते ही पार पाने की आवश्यकता है क्योंकि अभी तक जिस तरह से कम मात्रा में नोट बाज़ार में चलाये जाते थे और उनका उतना असर नहीं पड़ता था पर आज के समय में देश के दूर दराज़ के इलाक़ों में जहाँ पर जनता आज भी निरक्षर है और उसके पास इस बात को समझने के लिए कोई अन्य रास्ता भी नहीं है जिससे वह जान सके कि जो नोट उसके पास है वह असली है या नक़ली तो इन स्थानों पर नक़ली नोटों को चलाना और भी आसान हो जाता है.
      नेपाल से लगी यूपी की सीमा पर बसे जिलों में इन नक़ली नोटों का धंधा करने वालों ने अपने पैर पसार रखे हैं और वे खुली अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दुरूपयोग करते हुए सीमा पर तैनात पुलिस कर्मियों से मिलकर बड़ी संख्या में जाली नोटों को भारत में लाने और खपाने का काम करने में लगे हुए हैं. पुलिस के पास ऐसा कोई साधन नहीं है जिससे वह इन कारोबारियों को आसानी से पकड़ सके क्योंकि उसके पास पहले से ही इतने झमेले मौजूद हैं जिनसे निपटने में ही उसकी सारी शक्ति खर्च हो जाया करती है ? कहीं न कहीं से आतंकी भी पाक की ख़ुफ़िया एजेंसी से मिलकर पाने नेटवर्क को मज़बूत करने के लिए भी भारी मात्रा में नक़ली नोटों का इस्तेमाल किया करते हैं जिससे देश में आतंक और नक़ली नोटों दोनों तरह की समस्याएँ भी बढ़ जाती है. ये दोनों मिलकर देश के लिए आज के समय में बड़ी समस्या का रूप धारण कर ही चुके हैं.
       जिन लोगों के पास नेट है रिज़र्व बैंक की यह सुविधा उनके लिए बहुत कारगर साबित होने वाली है क्योंकि वे अपनी आवश्यकता अनुसार अब किसी भी श्रेणी के नोट के बारे में यह पता कर सकते हैं कि वह असली है या नक़ली ? पर इससे इस कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ने वाला है क्योंकि जब तक इनको विदेशों से लाकर भारत में खपाने वाले तंत्र को तोड़ने में सफलता नहीं मिलेगी तब तक कुछ भी ठीक नहीं हो पायेगा. हम नागरिकों को भी जागरूक होने की ज़रुरत है क्योंकि हमारे आस पास का ही कोई व्यक्ति किसी देश विरोधी तत्व से मिलकर देश की आर्थिक स्थिति को कमज़ोर करने का काम कर रहा है और हम अभी तक उसे ढूँढने में कोई दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं ? हमारी जागरूकता से कम समय में बिना कुछ किये आर्थिक रूप से संपन्न होते जाने वाले लोग पुलिस के रडार पर तो आ ही सकते हैं जो अंत में देश के लिए अच्छा ही होगा और हो सकता है कि इस नक़ली नोटों के कारोबार को काफ़ी हद तक रोकने में सफलता भी मिल जाये. 
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें