मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 12 दिसंबर 2012

अशांत पाक सीमा

                          पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जिस तरह से पाक ने अशांति मचाई हुई है उससे यही लगता है कि पाक भारत के साथ अपने संबंधों को कभी भी ठीक नहीं रखना चाहता है. वह एक तरफ़ जहाँ क्रिकेट संबंधों की बहाली के साथ संबंधों को सामान्य दिखाना चाहता है वहीं आतंकियों, कट्टरपंथियों और फौज के दबाव में भारत के ख़िलाफ़ तथाकथित जिहाद भी चलाये रखना चाहता है ? जिस तरह से पूँछ जिले के कृष्णा घाटी और बलनोई में पाक सेना के सहयोग से आतंकी शिविर सीमा के और करीब ले आये गए हैं और पाक सेना भी अपने तोपखाने को आगे सीमा पर तैनात कर रही है उस स्थिति में भारत-पाक सम्बन्ध किस तरह से सामान्य हो सकते हैं ? पाक पिछले कुछ वर्षों से कश्मीर में अपने भाड़े के सैनिकों और आतंकियों को सीमा पर नहीं करा पा रहा है जिससे भी उसमें हताशा घर करती जा रही है इस स्थिति में भारत पर यह दबाव बढ़ जाता है कि वह अपनी सुरक्षा पर और अधिक ध्यान दे. पाक के इस अनावश्यक अतिवादी कदम के जवाब में इस बार भारतीय सेना ने भी उन सेक्टरों में भारी गोलीबारी की है जहाँ पर सीमा से लगते हुए आतंकी शिविर चलाये जा रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने और उनके ढांचे को बड़ा नुकसान पहुँचने की अपुष्ट ख़बरें भी आ रही है.
           पाक की अर्थव्यवस्था या तो अमेरिका से मिली हुई सहायता पर निर्भर करती है या फिर जिहाद के नाम पर इस्लामी देशों से आतंकियों के लिए मिलने वाले धन से. इस स्थिति में वह कभी भी यह नहीं चाहेगा कि भारत के साथ उसके सम्बन्ध सामान्य हो जाएँ क्योंकि तब वह इस्लामी दुनिया से किस मुंह से जिहाद के लिए पैसे इकठ्ठा कर पायेगा ? आज पूरे पाक में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने का काम पहले से अधिक बड़े स्तर पर किया जाने लगा है उस स्थिति में भारत के पास और क्या विकल्प शेष बचते हैं जिनसे वह अपनी सुरक्षा को और मज़बूत कर सके ? भारत ने पहले के मुकबले सजगता बढ़ाकर घुसपैठ के स्तर को काफी कम तो कर दिया है पर आज भी कई सेक्टर ऐसे हैं जहाँ तक पहुँच पाना आसान नहीं होता है और आतंकी इन स्थानों का लाभ उठाकर घुसपैठ करने में कामयाब होते रहते हैं. इस बार घुसपैठ में असफल रहने वाले आतंकी वापस जाते समय आईईडी लगाकर भाग जाते हैं जिससे अभी तक ५ जवान अधिकारी इसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं इससे बचने के लिए सीमा पर चौकसी के स्तर को और मज़बूत किये जाने की आवश्यकता है और उस पर अविलम्ब विचार किया जाना चाहिए.
           भारत को पाक के साथ अपने संबंधों को अब पाक की हरकतों से जोड़कर देखने की आवश्यकता है क्योंकि हमारी सेना और देश के बहुमूल्य संसाधनों को भाड़े के आतंकियों के दम पर पाक तबाह करने के जो मंसूबे पालकर बैठा है उसका तोड़ ढूँढा जाना आवश्यक है. पूर्व में क्रिकेट के ज़रिये भारत ने पाया तो कुछ भी नहीं है पर खो बहुत कुछ दिया है इस बार भी जिस तरह से दोस्ती क्रिकेट के नाम पर पाक ढोंग कर रहा है और सीमा पर अपनी घटिया और नकारात्मक हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है उस स्थिति में भारत को अपने पाक के साथ क्रिकेट संबंधों की बहाली पर एक बार फिर से विचार करने की ज़रुरत है. क्या क्रिकेट के ज़रिये सम्बन्ध सुधारने का ज़िम्मा केवल भारत का ही है भले ही पाक जब चाहे अपनी नापाक हरकतों से भारत के लिए समस्याएं खड़ी करने में लगा रहे ? पाक के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और वर्तमान में राजनीति में अपने दांव आजमाने वाले इमरान ने भी भारत पाक श्रंखला के लिए दर्शकों को आने जाने की छूट देने की मांग की है जिससे जो आतंकी अब सीमा पार से घुसपैठ करके नहीं आ पा रहे हैं वे क्रिकेट देखने के बहाने से भारत आ जाएँ और यहाँ के स्लीपिंग मोड्यूल के संपर्क में आकर अपने काम को अंजाम दे सकें ? अब भारत को पाक से स्पष्ट शब्दों में कह देना चाहिए कि भारत विरोधी इस तरह की गतिविधियों को चलाने के कारण उससे क्रिकेट श्रंखला को रद्द भी किया जा सकता है जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी पाक की ही होगी तब जाकर ही पाक को यह समझ में आएगा वर्ना उसके दोगले काम हमेशा की तरह जारी रहेंगें.         
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