मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 17 जनवरी 2013

पाक की नीति

                                 भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किये जाने की पाकिस्तानी सेना की बर्बर हरकत के बाद जिस तरह से देश में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ माहौल बनना शुरू हुआ और उसके कारण ही पाक पर भारत का सामाजिक, आर्थिक और खेल क्षेत्र पर दबाव पड़ना शुरू हुआ जिसके परिणाम को सोचकर अब पाक ने बदले सुर में बात करना शुरू कर दिया है. अभी तक जिस तरह से इस घटना पर केवल सैन्य स्तर पर ही बयानबाजी चल रही थी उसे पाक समेत पूरी दुनिया समझती है कि यह भारत सरकार की एक सोची समझी नीति थी क्योंकि सीधे सरकार की तरफ से कोई बयान आने पर उसके निहितार्थ तलाशे जाने लगते हैं पर जब बात विशुद्ध रूप से सैन्य अधिकारियों द्वारा कही जा रही हो तो उसके मतलब यही होते हैं कि सेना ने अब कुछ कड़ी कार्यवाही करने के आदेश सरकार से हासिल कर लिए हैं और आवश्यकता पड़ने पर अब उसे किसी अन्य तरह के आदेश की ज़रुरत नहीं पड़ने वाली है. पाक सेना ने जिस तरह से भारतीय सेना के गुस्से को समझा है वह उसके हित में ही है क्योंकि उसकी इस घटना के बाद भारतीय सेना अपने सैनिकों का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और जब भारतीय सेना कुछ ठान लेती है तो उसका क्या अंजाम होता है यह पाक से अच्छा और कोई नहीं जानता है.
                            पाक के साथ संबंधों को बनाकर रखने की ज़रुरत क्या भारत को ही है अब इस बात पर भी फैसला लेने का समय आ गया है क्योंकि हर बार पाक इस तरह की हरकतें करके साफ़ बच जाए ऐसा भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस बारे में अब भारतीय सेना को पूरी आज़ादी होनी ही चाहिए की पाक के किसी भी ऐसे दुस्साहसिक क़दम पर वह पूरी शक्ति के साथ हमेशा पलटवार कर सके. यदि केवल एक बार ही भारतीय सेना इस तरह से अपने प्रतिरोध को दिखा दे तो आने वाले समय में पाक और उसकी सेना के लिए यह सब इतना आसान नहीं रहने वाला है कि वह कभी भी कुछ भी करने की हिम्मत जुटा सके. भारत ने हमेशा से ही संयम से काम लिया है क्योंकि जब भी आवश्यकता पड़ी है तो भारत ने पहले हमला न करने की नीति के बाद भी जवाबी कार्यवाही में खुद को बहुत सीमित ही रखा है पर अब पाक को भी यह समझना होगा कि समय पहले जैसा नहीं रहा है और आने वाले समय में इस तरह की हरक़तें करना उसके लिए बहुत भारी भी हो सकता है. आज जब पाक अपने अंदरूनी मामलों में खुद ही इतना उलझा हुआ है कि उसे यह नहीं पता कल क्या होगा तो भारत के विरुद्ध उसकी यह नीति अधिक कारगर ही जाती है और वह अपनी जानता को भारत का डर दिखाकर कुछ भी करने लगता है.
                          अभी तक पाक ने भारत का असली डर देखा ही नहीं है इसीलिए वह इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतें करने से बाज़ नहीं आता है भारत के पास केवल पाकिस्तान ही एक मुद्दा नहीं है क्योंकि उसे आने वाले समय में दुनिया में अपने बढ़ते हुए प्रभाव को और आगे तक ले जाना है पर पाक अपने को आगे बढ़ने के स्थान पर केवल कट्टरपंथियों के सामने ही घुटने टेक कर हर बात में अपने को पीछे ही धकेलने का काम किया करता है ? अब भी समय है कि वह अपने यहाँ बढ़ते हुए कट्टरपंथ पर सही तरह से लगाम लगाये. भारत से केवल इस्लाम के नाम पर अलग हुए पाक ने आज इस्लामी दुनिया को क्या दिया है यह सभी जानते हैं उसके स्थान पर भारत से इस्लाम की जो रौशनी सदियों से फ़ैल रही थी आज वह और भी आगे जा चुकी है. पाक की समझ में यही नहीं आता है कि भारत तो धार्मिक राष्ट्र नहीं है फिर भी वहां से इस्लाम को आगे बढाने की इतनी अच्छी कोशिशें कैसे हो सकती है  ? भारत दुनिया के उन देशों में है जहाँ पर हर व्यक्ति को पूरी आज़ादी है और वह अपने विचार खुलकर व्यक्त कर सकता है जबकि आज़ादी का ढिंढोरा पीटने वाले अधिकांश देशों में भी उतनी आज़ादी नहीं है जो यहाँ सभी नागरिकों को मिली हुई है. पाक को यदि अपने को सही मायने में आगे बढ़ाना है तो उसे अपनी सोच बदलनी ही होगी क्योंकि आज की सोच के साथ उसे केवल निराशा ही हाथ लगने वाली है.  
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