मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 12 अप्रैल 2010

उ० प्र० में अब चेती सरकार...

नक्सली हमले के बढ़ते खतरों के बीच आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार की समझ में यह आ ही गया कि इस तरह के अभियानों में कहीं न कहीं खुफ़िया तंत्र की मज़बूती का बहुत बड़ा योगदान होता है. उच्च पुलिस अधिकारियों ने अपनी बैठक में यह तय किया है कि अब थाने के स्तर पर भी खुफ़िया तंत्र से जुड़े हुए लोगों का होना बहुत आवश्यक है. अब इसके लिए स्थानीय स्तर पर हर थाने में इस तरह की कवायद की जाएगी जिससे किसी भी संदिग्ध हरकत के बारे में समय रहते पुलिस को जानकारी मिल सके और ऐसे तत्वों के ख़िलाफ़ समय रहते कार्यवाही कर किसी बड़े नुकसान को रोका जा सके. आज के समय में पुलिस और प्रशासन का नेता जिस हद तक दुरूपयोग कर रहे हैं वैसी स्थिति में कहीं से भी यह नहीं लगता कि इस तरह का कोई भी प्रयास सफल हो पायेगा क्योंकि जब भी कहीं सही ढंग से काम करने का प्रयास होगा तो उसमें राजनैतिक अडंगेबाज़ी के चलते कुछ भी कर पाना आसान नहीं होगा.
आज के समय सबसे बड़ी ज़रुरत विश्वास बहाली की है क्योंकि जब तक जनता ही पुलिस को अपना दुश्मन समझती रहेगी तब तक कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सकते हैं कितना भी बड़ा सुरक्षा तंत्र क्यों न विकसित कर किया जाये पर जनता के चौकन्ने हुए बिना सब व्यर्थ ही हो जाना है. इस तरह के किसी भी प्रयास को चालू रखने के लिए स्थानीय स्तर पर जनता को जोड़ कर एक समिति बनाई जानी चाहिए जिस पर इस बात पर नज़र रखने की ज़िम्मेदारी होनी चाहिए कि वह क्षेत्र में आने वाले किसी भी अजनबी के बारे में पूरी जानकारी रखे और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को भी सूचित करे. कहने को तो यह सारे काम बहुत आसान से लगते हैं पर वास्तविकता के धरातल पर उतरने के लिए जिस तरह की इच्छा-शक्ति की आवश्यकता होनी चाहिए वह सरकार में ही नहीं दिखाई देती है. अब भी अगर हम नहीं चेते तो वो दिन दूर नहीं कि जब नक्सली और आतंकी एक जैसे हो जायेंगें और किसी भी स्तर पर इनका एक होना देश कि सत्ता और जनता के लिए बहुत कष्ट देने वाला साबित हो जायेगा. अब समय है कि ऐसी किसी भी बात के लिए एक राष्ट्रीय नीति की घोषणा कर दी जाये और किसी भी दल की सरकार आने पर उसमें बिना मतलब का अडंगा न लगाया जा सके तभी देश अपने इन छिपे हुए दुश्मनों से ठीक से लड़ पायेगा.     

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

2 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा है जो अब भी चेत जायें.

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  2. आवश्यक है. अब इसके लिए स्थानीय स्तर पर हर थाने में इस तरह की कवायद की जाएगी जिससे किसी भी संदिग्ध हरकत के बारे में समय रहते पुलिस को जानकारी मिल सके
    bilkul sahi hai..

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