बेंगलुरु में आई पी एल के मैच से ठीक पहले धमाका करके आतंकियों और देश द्रोहियों ने एक बार फिर से अपनी उपस्थिति का एहसास करा ही दिया है. देश में जनसंख्या और लापरवाही के कारण वैसे भी कोई भी नया व्यक्ति कहीं भी घूमता फिरता रहता है और कोई भी उसकी इस बात के लिए फ़िक्र नहीं करता है कि वह कौन है और कहाँ से आया है ? आज के समय में हम सभी को यह ध्यान देना ही होगा जिससे कभी भी कोई अजनबी इस तरह की घटना को अंजाम देकर आसानी से बचकर न निकल सके. जैसा कि स्पष्ट है कि आने वाले राष्ट्र मंडल खेलों से पहले पाक परस्त आतंकी यह दिखाने की पूरी कोशिश करेंगें कि भारत भी उतना सुरक्षित नहीं है जितना समझा जाता है और इसके लिए वे इस तरह के अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों में बाधा डालने का काम करते ही रहेंगें. इतना सब होने के बाद भी जिस तरह से अभी तक आई पी एल का आयोजन पूरी सुरक्षा के साथ हो रहा है वह आतंकियों को रास नहीं आ रहा है.
आज इस घटना के पीछे चाहे जो भी हो पर एक बात तो तय है कि भारत विरोधी ताकतें हमारी छवि को नुकसान पहुँचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं. अब यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम अपने खुफिया तंत्र, पुलिस, जनता को इतना जागरूक कर लें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार के कारण कोई पैसे लेकर देश विरोधियों को पनाह न दे बैठे ? देश में सबसे अधिक ध्यान देने की बात यह भी है कि माओवादियों और आतंकियों के बीच कोई सम्बन्ध भी न बनने पाए क्योंकि इस तरह से देश के अन्दर ही एक बहुत ख़तरनाक गठजोड़ बन जायेगा जिसका खामियाज़ा पूरे देश को भुगतना पड़ेगा. आज जब राष्ट्रीय पहचान अंक की बात की जा रही है तो हम सभी को इसमें और वर्तमान में चल रही जनगणना में अपना पूरा ध्यान देकर सही सूचनाएँ लिखानी चाहिए क्योंकि इन आंकड़ों से ही बाद में सरकार अपनी योजनायें बनाती हैं. फिलहाल तो हम सभी को आज से ही यह संकल्प लेना ही होगा कि अपने आस-पास की हर संदिग्ध गतिविधि की खबर पुलिस तक पहुँचने का काम करें साथ ही पुलिस में भी कुछ ऐसा किया जाना चाहिए कि इस तरह की सूचनाएँ गोपनीय रखी जाएँ और इन पर त्वरित कार्यवाही भी की जाए. यह तो अच्छा ही हुआ कि बेंगलुरु में जान माल का बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ वरना सुरक्षा के मोर्चे पर कुछ लोगों को भारत को कटघरे में खड़ा करने का अवसर तो मिल ही जाता.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
सतर्कता की बहुत जरुरत है..
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