मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 3 अगस्त 2010

मध्य प्रदेश की पहल

देश में सरकारी काम काज की गति जितनी कम रहती है उसको देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने अपने यहाँ पर एक क्रन्तिकारी विधेयक लाने की जो पहल की है वह वास्तव में स्वागत योग्य है. आज किसी भी सरकारी कार्यालय में समय से काम होना एक सपने के समान है फिर भी मध्य प्रदेश ने जिस तरह से इस बारे में कम से कम सोचा वह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है. आज के समय में अगर हमारा कोई भी सरकारी स्तर से किया जाने वाला काम समय से नहीं होता है तो हमारे पास कोई भी ऐसा अधिकार नहीं है जिसके तहत हमें उस देरी के कारण होने वाले नुकसान से अपनी रक्षा कर सकें ? मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी विधेयक २०१० से कम से कम सरकारी कर्मचारियों पर इस बात का दबाव बन जायेगा की वे हर काम को एक निश्चित समय में पूरा करें. आज किसी भी सरकारी काम के होने का कोई समय निर्धारित नहीं है जिसके कारण जनता को सदैव ही कुछ न कुछ नुकसान होता रहता है.
        इस विधेयक के तहत सबसे पहले तय सीमा में काम न करने पर २५० रु० प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा जो बढ़कर ५००० रु० तक भी हो सकता है जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो यह कि यह धनराशि देरी करने वाले कर्मचारी के वेतन से काट ली जाएगी. अच्छा ही है कि इस तरह से काम करने के लिए कोई संस्कृति तो विकसित ही होगी भले ही वह आर्थिक दंड से बचने के कारण ही हो ? आज देश में भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा कारण यह देरी भी है क्योंकि किसी भी काम को करने के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है इसलिए सरकारी अधिकारी/कर्मचारी अपनी मर्ज़ी से जो चाहे वो करते रहते हैं, कहीं पर कोई काम पैसे के दम पर दिन भर में हो जाता है तो कहीं पर यह काम होने में बिना वजह देरी लगाकर जनता को सिर्फ इसलिए परेशान किया जाता है कि उसने जेब गरम नहीं की है ?
           अब यह सब बदलने का समय है, आज देश के पास कुछ ऐसे नेता भी हैं जो लीक से हटकर सोचना चाहते है और उन सपनों को कहीं न कहीं वास्तविकता के धरातल पर उतारना भी जानते हैं. मनमोहन सिंह ने रोज़गार को अधिकार बनाया जिसका बहुत बड़ा फायदा जनता को मिला, शीला दीक्षित ने भागीदारी के नाम से आम दिल्ली वासियों को सरकार के साथ जोड़ने का काम किया, तो देश में सबसे विवादित मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास के मायने बदल कर नर्मदा घाटी परियोजना से प्यासी गुजरात की धरती को पानी पिलाया, बिहार में चुपचाप नितीश सरकार ने अपराधियों का सफाया करने में बहुत बड़ी कामयाबी पाई और बिहार को विकास के नए राजमार्ग पर दौड़ाया. अब ज़रुरत यह है कि इन लोगों के अच्छे कामों को पूरे देश में लागू किया जाये क्योंकि जो चीज़ देश के किसी हिस्से की दशा सुधारने का दम रखती है वह निश्चित ही पूरे देश का भाग्य भी बदल सकती है. इस तरह के कामों को राजनीति से परे हटकर केवल देश हित में सोचकर पूरे देश में अविलम्ब लागू कर दिया जाना चाहिए. आखिर अंग्रेजों की बनायी सरकारी मशीनरी कब तक अपने नागरिकों को ही इस तरह से प्रताड़ित करती रहेगी
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