मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 9 मई 2011

पाक की मुसीबत

      लगता है कि पाक के किये गए हर ग़लत काम के बारे में एक साथ ही हिसाब देना पड़ेगा क्योंकि विकिलीक्स के ताज़ा केबल से यह बात स्पष्ट हो रही है कि पाक सेना और आईएसआई ही मिलकर पूरी दुनिया में आतंकी नेटवर्क तैयार करते थे. वैसे इस बात को अगर भारत के नज़रिए से देखा जाये तो यह बात स्पष्ट हो जाएगी कि कहीं न कहीं उसने हमेशा ही इस बात को पूरे जोर शोर से कहा है कि भारत से जुड़े हर आतंकी हमले में पाक शामिल है. कहने को तो अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी बहुत तेज़ है पर वह आज तक इस बात का खुलासा नहीं कर पाई है कि भारत में होने वाली इस तरह की गतिविधियों में पाक का हाथ है ? ऐसा भी नहीं है कि अमेरिका यह नहीं जानता पर जब तक भारत में उसके हित सुरक्षित हैं वह ऐसे किसी भी बात पर ध्यान नहीं देने वाला है पर अब समय बदल रहा है और भारत के हित अब कहीं न कहीं से अमेरिका से भी जुड़ने लगे हैं.
       पाक में एबटाबाद अभियान के बाद जिस तरह से सेना पर दबाव बन गया है उससे निपटने और लोगों का ध्यान बंटाने के लिए वह भारतीय सीमा पर कुछ भी कर सकता है इस बात को लेकर भारत भी सतर्क है पर अपनी समस्याओं से जनता का ध्यान बंटाने के लिए पाक की कोई भी गलत हरकत उसके लिए बहुत बड़ी मुसीबत भी बन सकती है. सामरिक दृष्टि से भारत पहले भी अपने आधुनिक विमानों के ज़रिये पाक की हवाई सीमा में बहुत अन्दर तक जा चुका है जिसका पाक कोई अंदाज़ा नहीं लगा पाया था. अब आज के समय में भारत वैसे तो ऐसा कुछ भी नहीं करने जा रहा है पर पाक को सबक सिखाने के लिए आगे भारत को हर विकल्प पर विचार करना ही होगा क्योंकि पाक सीमा से भारत में आतंक अब बहुत समय तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. पाक पोषित आतंक के कारण ही अब तक भारत में आतंक का खत्म नहीं किया जा सका है और पाक जिस इस्लाम की बातें करके यह सब फैलता है उसमें इस्लाम को मानने वाले भी बहुत बड़ी संख्या में हताहत होते रहे हैं. 
       पाक पर जिस तरह से आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए अब दबाव बन रहा है उसके लिए इससे निपटना भी मुश्किल होने वाला है क्योंकि जिस तरह से पाक ने हर शहर में आतंक को पोषित किया है उससे अब उसके लिए यह बहुत कठिन काम है. आतंकियों ने आम जनता को जिहाद के बारे में बहुत कुछ अपने हिसाब से समझा दिया है जिसे उनके दिमाग़ से निकालने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है और वह आज के समय में पाक के पास नहीं है. अगर पाक अब भी नहीं चेतता है तो अमेरिका अब उसकी आर्थिक सहायता बंद करने के बारे में भी सोचना शुरू करने वाला ही है और जिस तरह से पाक दीवालिया है उसे देखते हुए बिना सहायता के उसके लिए बहुत कठिन साबित होने वाला है. अब भी समय है कि पाक चेत जाये और अपने साथ ही पूरे भारतीय उप महाद्वीप में शांति लाने के बारे में सोचना शुरू करे वरना जब सोचा जाना शुरू किया जायेगा तब तक तो बहुत देर हो जाएगी और उसके बाद पाक भी इतिहास बन जायेगा.
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