सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से काले धन के मामले में केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए एक एसआईटी बनाने के आदेश जारी किये हैं और साथ ही यह कहा है कि इस मामले पर केंद्र द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति को तुरंत ही इससे जुड़ जाना चाहिए जिससे आने वाले समय में देश के काले धन के बारे में सही ढंग से पता लगाया जा सके और इस धन की राष्ट्र हित में वापसी करायी जा सके. वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की तरफ से दायर की गयी एक जनहित याचिका की सुनवाई करते समय कोर्ट ने कड़े और साफ़ शब्दों में ये आदेश जारी किये. कोर्ट ने उन नामों को सार्वजानिक किये जाने के लिए भी कहा जो इस मामले में सामने आ रहे हैं या फिर जिनके ख़िलाफ़ अभी तक किसी भी स्तर पर कोई जांच की गयी है. कोर्ट ने इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार की धीमी गति पर भी असंतोष व्यक्त किया और कहा कि यह देश की लूट है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है.
यह भी चिंताजनक है कि अभी तक पता नहीं किस स्तर पर कौन से समझौतों के तहत केंद्र सरकार ने जो भी जानकारी पायी है उसे सार्वजनिक नहीं किया है जबकि देश से आगे कोई भी समझौते नहीं हो सकते हैं जब देश है तो समझौते भी होंगें और इन्हें समय के अनुसार बदलने की आवश्यकता अधिक होती है. हो सकता है कि किसी मामले में केंद्र सरकार ने किसी गोपनीयता का अनुपालन किया हो पर अब समय आ गया है कि इन पुराने कानूनों से पीछा छुड़ाया जाये और आने वाले समय के लिए कड़े कानून बनाये जाएँ जिनमें किसी भी स्तर पर देश के धन से इस तरह से लूट खसोट करने वालों को कोई भी रियायत न मिल सके. अभी तक जो नहीं हुआ था वह अब हो रहा है तो फिर केंद्र सरकार को उन देशों को यहाँ देश में चल रहे इन परिवर्तनों के बारे में स्पष्ट बता देना चाहिए जिससे आने वाले समय में दबाव बनने पर वह समझौते से अपने को मुक्त कर सके.
कोर्ट ने जिस महत्वपूर्ण मुद्दे को रखांकित किया है उससे यही लगता है कि आने वाले समय में इस तरह से भेजे गए पैसों का देश के ख़िलाफ़ ही अधिक प्रयोग किया जाने वाला है ? जिस तरह से अभी तक काले धन का दुरूपयोग देश को तोड़ने की साजिशों तक पहुँच चुका है वह देश की बहुत बड़ी कमज़ोरी की निशानी है क्योंकि कभी इस धन से देश में सत्ता पर बैठे हुए लोगों से बहुत सारे ऐसे फ़ैसले भी करवाए जा सकते हैं जो आने वाले समय में देश के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकते हैं ? अब देश को एक कड़े कानून की ज़रुरत है जो देश के धन को पूरी तरह से बाहर ले जाने से रोकने में सक्षम हो और कहीं से भी कोई इस तरह की कोशिश भी नहीं कर सके क्योंकि जब तक सज़ा के कड़े प्रावधान नहीं किये जायेंगें तब तक देश में कुछ भी सही नहीं हो पायेगा और अब सरकार को कोर्ट के इस आदेश को ध्यान में रखते हुए इस तरफ़ गंभीरता से सोचना शुरू करना ही होगा.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
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