पाक में जिस तरह से पूरा ढांचा चरमरा चुका है उससे यही लगता है कि आने वाले समय में यह पूरी दुनिया के लिए हर समय नए नए ख़तरे लेकर सामने आता रहेगा. इस वर्ष जिस तरह से चीन में पाक के सीमावर्ती राज्य में पोलियो के मामले पाए गए हैं उसे चीन सरकार ने गंभीरता से लिया है क्योंकि इससे पहले पिछले १० वर्षों से चीन पोलियो मुक्त देश की श्रेणी में रहा है. पाक में जिस तरह से अशिक्षा और कट्टरपंथ हावी है उससे यही लगता है कि यह देश पोलियो के मामले में पूरी दुनिया के लिए भी सरदर्द बनने वाला है. पाक में पोलियो के मामले तो अभी तक मिलते ही रहे हैं पर जिस तरह से वहां से पोलियो वायरस ने चीन का रास्ता फिर से देखा वह स्थिति भारत के लिए भी चिंता जनक है क्योंकि चीन तो अपने यहाँ पाकिस्तानियों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा सकता है पर भारत के लिए यह काम कर पाना बहुत मुश्किल है और आने वले समय में यह फिर से पाक से यहाँ तक का सफ़र तय कर सकता है.
भारत में भी कुछ मज़हबी व्यक्तियों द्वारा इस तरह की फालतू की बातें शुरू में की गयी थीं जिस कारण से मुस्लिम समुदाय में यह भ्रम फ़ैल गया था कि इस दवा की खुराक़ से बाद में नपुंसकता हो जाएगी. इस कारण से ही १९९५ में शुरू किया गया पोलियो उन्मूलन अभियान अभी भी पूरा नहीं हो पाया है ? जब से सऊदी अरब ने ऐसे ख़तरे वाले देशों से आने वाले हज यात्रियों के लिए पोलियो ड्रॉप की खुराक़ अनिवार्य की तब से मुसलमानों को यह समझ में आया कि इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है. पाकिस्तान का पड़ोसी होने के कारण भारत इस ख़तरे में हमेशा ही रहेगा क्योंकि यह वायरस कभी भी फिर पाकिस्तान से यहाँ तक आ सकता है. आज भी देश में कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ पर मुसलमान इस दवा को बच्चों को पिलाने से बचाने का प्रयास करते हैं और ऐसे ही चंद लोगों के कारण आज भी देश में पोलियो के कुछ मामले दिखाई दे जाते हैं.
अब समय है कि पूरी दुनिया के देशों को यह समझना ही होगा कि किसी एक देश के द्वारा की गयी लापरवाही पूरी दुनिया में इस ख़तरे को दोबारा पैदा कर सकती है इसलिए समाज को जागृत किये जाने की ज़रुरत है और जिन लोगों में आज भी यह भ्रम फैला हुआ है कि पता नहीं क्या और कैसे होगा उन्हें पूरी सच्चाई फिर से बताई जानी चाहिए भारत में सरकार ने जिस तरह से उलेमाओं की मदद लेकर पोलियो अभियान को काफी हद तक सफल बनाए में सफलता पायी है वह ठीक तो है पर जब तक कहीं से भी देश या एशिया में पोलियो बचा हुआ है तब तक इसके ख़तरे से पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता है. पोलियो के उन्मूलन के लिए अब पाक से चीन जाने वाले लोगों पर चीन नए तरह के प्रतिबन्ध भी लगा सकता है जब पाक अपनी ज़िम्मेदारी को पूरी तरह से निभाने में असफल हो रहा है तो उसे इस तरह के और भी प्रतिबन्ध झेलने पड़ सकते हैं.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
भारत में भी कुछ मज़हबी व्यक्तियों द्वारा इस तरह की फालतू की बातें शुरू में की गयी थीं जिस कारण से मुस्लिम समुदाय में यह भ्रम फ़ैल गया था कि इस दवा की खुराक़ से बाद में नपुंसकता हो जाएगी. इस कारण से ही १९९५ में शुरू किया गया पोलियो उन्मूलन अभियान अभी भी पूरा नहीं हो पाया है ? जब से सऊदी अरब ने ऐसे ख़तरे वाले देशों से आने वाले हज यात्रियों के लिए पोलियो ड्रॉप की खुराक़ अनिवार्य की तब से मुसलमानों को यह समझ में आया कि इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है. पाकिस्तान का पड़ोसी होने के कारण भारत इस ख़तरे में हमेशा ही रहेगा क्योंकि यह वायरस कभी भी फिर पाकिस्तान से यहाँ तक आ सकता है. आज भी देश में कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ पर मुसलमान इस दवा को बच्चों को पिलाने से बचाने का प्रयास करते हैं और ऐसे ही चंद लोगों के कारण आज भी देश में पोलियो के कुछ मामले दिखाई दे जाते हैं.
अब समय है कि पूरी दुनिया के देशों को यह समझना ही होगा कि किसी एक देश के द्वारा की गयी लापरवाही पूरी दुनिया में इस ख़तरे को दोबारा पैदा कर सकती है इसलिए समाज को जागृत किये जाने की ज़रुरत है और जिन लोगों में आज भी यह भ्रम फैला हुआ है कि पता नहीं क्या और कैसे होगा उन्हें पूरी सच्चाई फिर से बताई जानी चाहिए भारत में सरकार ने जिस तरह से उलेमाओं की मदद लेकर पोलियो अभियान को काफी हद तक सफल बनाए में सफलता पायी है वह ठीक तो है पर जब तक कहीं से भी देश या एशिया में पोलियो बचा हुआ है तब तक इसके ख़तरे से पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता है. पोलियो के उन्मूलन के लिए अब पाक से चीन जाने वाले लोगों पर चीन नए तरह के प्रतिबन्ध भी लगा सकता है जब पाक अपनी ज़िम्मेदारी को पूरी तरह से निभाने में असफल हो रहा है तो उसे इस तरह के और भी प्रतिबन्ध झेलने पड़ सकते हैं.
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