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मंगलवार, 24 जुलाई 2012

मारुति और पंचायत

मारुति उद्योग लिमिटेड के साथ ही क्षेत्र के अन्य उद्योगों के सहयोग के लिए गुडगाँव में एक महापंचायत की गयी जिसमें इस बात पर निर्णय लिया गया कि किसी को भी कानून हाथ में लेकर इस तरह से वहां के औद्योगिक क्षेत्र के लिए चिंताएं का काम नहीं करने दिया जायेगा. इस पंचायत ने पूरी तरह से मारुति का समर्थन करते हुए कहा कि पंचायत कंपनी के साथ है और किसी भी परिस्थिति में किसी को भी यहाँ के माहौल को बिगाड़ने नहीं दिया जायेगा. यह अच्छा ही हुआ क्योंकि पंचायतों के सक्रिय हो जाने से आने वाले समय में उद्योगों के लिए सरकार के अलावा अपनी समस्याओं को ग्रामीणों के स्तर से सुलझवाने का एक और रास्ता भी मिल जायेगा. जिस तरह से आज भी हरियाणा में आज भी पंचायतों के फैसलों कि सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और उनका अनुपालन भी किया जाता है उससे वहां पर स्थित उद्योगों को बहुत बड़ी राहत मिलने वाली है.
      आख़िर ऐसा क्या हुआ जिससे स्थानीय लोगों को इतने बड़े स्तर पर पंचायत का आयोजन करना पड़ा ? इसके पीछे जाने पर यह बात सामने आई कि जिस तरह से मारुति ने गुडगाँव और आस आपस के अन्य स्थानों पर रोज़गार के नए अवसर खोल दिए हैं उसके किसी भी स्थिति में गुडगाँव छोड़ने या यहाँ से अपने काम को कम करने का सीधा असर स्थानीय निवासियों पर ही पड़ने वाला है. मारुति और उसकी सहयोगी कम्पनियों के चलते इलाके में समृद्धि आई है और लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है. जिस तरह से २००२ में मारुति के नए प्लांट के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था उसके बाद यहाँ पर ज़मीन का काम करने वालों के लिए एकदम से नए अवसर आ गए थे. जिन लोगों ने अपनी भूमि मारुति के लिए दी उन्होंने उस राशि का सही उपयोग कर लिया आज वे काफी संपन्न हो चुके हैं और अगर किसी भी स्तर पर मारुति के काम काज में गिरावट आती है तो इसका सीधा असर इन लोगों पर ही पड़ने वाला है.
     अब सबसे बड़ी बात यह है कि दोषियों को जल्द से जल्द चिन्हित किया जाए और प्लांट के पुनर्निर्माण के काम को भी तेज़ी से किया जाये. जिस तरह से हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कानून व्यवस्था के मसले पर मारुति को पूरा भरोसा दिलाया है आज उसकी ज़रुरत है क्योंकि एक मारुति के पलायन करने से हरियाणा की नकारात्मक राज्य की छवि बनेगी जिसे कोई भी सरकार विकास के इस दौर में नहीं चाहती है. इसलिए इस तरह के सामाजिक क़दमों से मारुति, सरकार और आम लोगों के लिए विकास के नए आयाम खुलेंगें . इस पूरे प्रकरण की समयबद्ध तरीके से जांच होनी चाहिए और दोषियों को चिन्हित करके जल्दी से सज़ा दिलवाई जानी चाहिए जिससे राज्य में कानून के राज की गूँज सुनाई दे और स्थानीय लोगों के साथ उद्योगों के लिए भी काम करने के नए नए अवसर पैदा होते रहें. पर इस काम के लिए जिस ईमानदारी से काम करने की आवश्यकता है अगर उसमें कोताही बरती जाएगी तो आज मारुति के हरियाणा छोड़ने की अफवाहें कल की सच्चाई भी हो सकती है.

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