एक पुरानी कहावत है कि जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है उत्तर प्रदेश में खनन माफियाओं और सपा के नेताओं के निशाने पर आई हुई युवा आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल के निलंबन के मसले पर भले ही देश भर में चिंता व्यक्त की जा रही हो और यूपी सरकार किसी भी हद तक जाकर अपने को इस मामले में सही साबित करने की कोशिश करने में लगी हो पर इस पूरे मसले में देश भर में नदियों से अवैध खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एनजीटी ) ने सोमवार से पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने पूरे देश में एक साथ ही बिना अनुमति और विधिक प्रक्रिया पूरी किए हुए किसी भी नदी से खनन को पूरी तरह से अवैध घोषित कर दिया है जिससे इन खनन माफियाओं को अब यह समझ में आ जायेगा कि उन्होंने दुर्गा शक्ति के मामले में राजनैतिक पहुँच का इस्तेमाल कर कितनी बड़ी समस्या अपने लिए पैदा कर ली है अभी तक इस अवैध खनन को जहाँ केवल स्थानीय सेटिंग से ही चलाया जा सकता था अब यह काम बहुत मुश्किल होने वाला है.
पूरे देश में जिस तरह से विभिन्न नदियों से लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बालू मौरंग आदि का खनन किया करते थे और उससे स्थानीय पर्यावरण पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता था पर इधर जिस तरह देश भर में ढांचागत विकास के क्षेत्र में तेज़ी आने से जहाँ इन वस्तुओं की आवश्यकता मांग से अधिक बढ़ने लगी तो नेताओं और माफियाओं की नज़रें इस पर भी पड़ीं और उन्होंने सत्ता में बैठे अपने दलालों के माध्यम से नदियों के स्वरुप को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिससे पूरी प्रक्रिया को सरकारी मशीनरी और नेताओं के साथ मिलाकर संचालित करने का एक मार्ग खुल गया. दुर्गा के मामले में यूपी सरकार चाहे कुछ भी करे पर उनके इस क़दम से अब उन भाटी जैसे नेताओं के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी होने वाली हैं जो इस कारोबार में पूरी तरह से लगे हुए थे और अपनी एक समान्तर सरकार भी चला रहे थे ? अब जब देश भर में किसी भी नदी से बिना अनुमति के खनन पर रोक लग गयी है तो इसका प्रचार प्रसार भी करना चाहिए जिससे आम लोगों को यह पता चल सके कि कानून अब पूरी तरह से उनके साथ है और उनके विरोध को समझना प्रशासन की मजबूरी है.
दुर्गा के मामले में चाहे जो भी निर्णय आए और उन्हें जिस ग़लत तरीके से निलंबित करने का काम यूपी सरकार ने किया है अब उससे देश को चाहे कुछ और मिले या न मिले पर नदियों के इस तरह से अवैध दोहन से मुक्ति मिलने की अलख जनता में अवश्य दिखाई देने लगी है और जिस भी तरह से सरकार चाहे अब इसको रोक नहीं पायेगी क्योंकि अभी तक आम लोगों को यही लगता था कि किसी अनुमति के तहत यह सारा काम चलाया जा रहा है ? दुर्गा का निलंबन तो समय के साथ वापस ही हो जाएगा पर उन्होंने जिस तरह से भ्रष्ट नेताओं पर कठोर प्रहार किया है वैसी मिसाल देश में अभी तक कहीं और देखने को नहीं मिली है यूपी की सरकार भले ही कानूनी दांव पेंचों को चलाकर दुर्गा को अपने स्तर से निलंबत रखने की कोशिशें करती रहे पर उनके द्वारा शुरू की गयी इस मुहिम को देश ने पूरी तरह से जगा ही दिया है और अब अवैध खनन को रोकने में देश आगे आने के लिए तैयार है. कहा जाता है कि बिना खोए कुछ पाया नहीं जा सकता है तो देश के भ्रष्ट राजनैतिक तंत्र ने अपनी एक ईमानदार अधिकारी को इस तरह से नीचा दिखाकर यह साबित कर दिया है कि वह कितना नाकारा और निरंकुश है ? दुर्गा के बहाने रोक
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
पूरे देश में जिस तरह से विभिन्न नदियों से लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बालू मौरंग आदि का खनन किया करते थे और उससे स्थानीय पर्यावरण पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता था पर इधर जिस तरह देश भर में ढांचागत विकास के क्षेत्र में तेज़ी आने से जहाँ इन वस्तुओं की आवश्यकता मांग से अधिक बढ़ने लगी तो नेताओं और माफियाओं की नज़रें इस पर भी पड़ीं और उन्होंने सत्ता में बैठे अपने दलालों के माध्यम से नदियों के स्वरुप को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिससे पूरी प्रक्रिया को सरकारी मशीनरी और नेताओं के साथ मिलाकर संचालित करने का एक मार्ग खुल गया. दुर्गा के मामले में यूपी सरकार चाहे कुछ भी करे पर उनके इस क़दम से अब उन भाटी जैसे नेताओं के लिए बड़ी समस्याएं खड़ी होने वाली हैं जो इस कारोबार में पूरी तरह से लगे हुए थे और अपनी एक समान्तर सरकार भी चला रहे थे ? अब जब देश भर में किसी भी नदी से बिना अनुमति के खनन पर रोक लग गयी है तो इसका प्रचार प्रसार भी करना चाहिए जिससे आम लोगों को यह पता चल सके कि कानून अब पूरी तरह से उनके साथ है और उनके विरोध को समझना प्रशासन की मजबूरी है.
दुर्गा के मामले में चाहे जो भी निर्णय आए और उन्हें जिस ग़लत तरीके से निलंबित करने का काम यूपी सरकार ने किया है अब उससे देश को चाहे कुछ और मिले या न मिले पर नदियों के इस तरह से अवैध दोहन से मुक्ति मिलने की अलख जनता में अवश्य दिखाई देने लगी है और जिस भी तरह से सरकार चाहे अब इसको रोक नहीं पायेगी क्योंकि अभी तक आम लोगों को यही लगता था कि किसी अनुमति के तहत यह सारा काम चलाया जा रहा है ? दुर्गा का निलंबन तो समय के साथ वापस ही हो जाएगा पर उन्होंने जिस तरह से भ्रष्ट नेताओं पर कठोर प्रहार किया है वैसी मिसाल देश में अभी तक कहीं और देखने को नहीं मिली है यूपी की सरकार भले ही कानूनी दांव पेंचों को चलाकर दुर्गा को अपने स्तर से निलंबत रखने की कोशिशें करती रहे पर उनके द्वारा शुरू की गयी इस मुहिम को देश ने पूरी तरह से जगा ही दिया है और अब अवैध खनन को रोकने में देश आगे आने के लिए तैयार है. कहा जाता है कि बिना खोए कुछ पाया नहीं जा सकता है तो देश के भ्रष्ट राजनैतिक तंत्र ने अपनी एक ईमानदार अधिकारी को इस तरह से नीचा दिखाकर यह साबित कर दिया है कि वह कितना नाकारा और निरंकुश है ? दुर्गा के बहाने रोक
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