मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2013

नेपाल को सैन्य मदद

                              लगभग ९ साल के अंतराल के बाद भारत ने एक बार फिर से नेपाल को सैन्य सहायता निलम्बित रखने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए उसे बहाल करने की दिशा में एक क़दम बढ़ा दिया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर से सैन्य उपकरण वाहन और अन्य तरह की सहायता में सहयोग शुरू हो जायेगा. भारत ने नेपाल में २००४ में हुए एक तख्ता पलट के बाद उसकी हर तरह की सैन्य सहायता बंद कर दी थी और उसके बाद से ही भारत ने इस क्षेत्र में अपने स्तर से कोई प्रयास भी शुरू नहीं किया क्योंकि २००६ में हुए शांति समझौते के बाद नेपाल ने खुद ही भारत से हर तरह के सैन्य सामान पर रोक लगाने की घोषणा की थी. भारत जिस तरह से नेपाल के साथ अपनी सामान्य और दुर्गम सीमा को साझा करता है उसके बाद नेपाल के पास भारत से अच्छा नैसर्गिक और सहयोगी देश कोई और नहीं हो सकता है क्योंकि आज तक भारत ने कभी भी नेपाल के अंदरूनी मामलों में कभी भी दखल अंदाज़ी नहीं की और समय आने पर उसे हर तरह कि सहायता भी उपलब्ध करायी.
                             अब जब नेपाल को भी यह समझ आ गया है कि भारत से अच्छा उसका कोई और सहयोगी नहीं हो सकता है तो अब भारत को भी उसे पूरा सम्मान देते हुए उसे चीन और पाक के नज़दीक जाने से रोकना ही चाहिए क्योंकि चीन के यहाँ पर अपने मंसूबे हैं तो पाक जम्मू कश्मीर की सीमा पर चौकसी बढ़ने के बाद से ही भारत में इस्लामी चरम पंथियों की घुसपैठ कराने के लिए नेपाल की खुली सीमा का दुरूपयोग करने में लगा हुआ है. भारत को अब नेपाल से अपने हर तरह के सम्बन्धों को पुराने स्तर से आगे बढ़कर नए सिरे से परिभाषित करने चाहिए क्योंकि जब तक सम्बन्धों को फिर से परिभाषित नहीं किया जायेगा तब तक भारत के लिए नेपाल की खुली सीमा एक बड़ी समस्या ही बनी रहेगी ? नेपाल को भी अब खुले मन से यह सोचना होगा कि भारत के साथ रहने से ही उसके हित अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि चीन की विस्तारवादी नीतियों के चलते आने वाले समय में उसकी
तरफ से क्या प्रतिबन्ध नेपाल पर थोपे जाने लगें यह कोई नहीं जनता है और पाक का केवल भारत को परेशान करने का हित ही नेपाल से जुड़ा हुआ है.
                                 नेपाल के साथ भारत के संबंध बहुत पुराने ही रहे हैं और भगवन बुद्ध से जुडी हुई बहुत सारी स्मृतियाँ और स्थान दोनों देशों में फैले हुए हैं तो उस स्थिति में इस क्षेत्र में पर्यटन की सम्भावनाओं पर भी विचार करते हुए आगे की रूप रेखा बनायीं जानी चाहिए क्योंकि केवल रक्षा सौदों के माध्यम से सम्बन्धों को बहुत आगे तक नहीं बढ़ाया जा सकता है. नेपाल को भारत से कभी भी कोई सैन्य ख़तरा नहीं रहा है और उसे अब उसका सही दिशा में उपयोग करने के बारे में सोचना चाहिए. नेपाल और भारत को अब आने वाले समय की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सीमा वर्ती क्षेत्रों में पहले जैसी स्थिति बहाल करने के स्थान पर सीमा पर सघन चेकिंग को अनिवार्य बनाना चाहिए जिससे आने वाले समय में किन्हीं अन्य देशों के हितों की पूर्ती के चक्कर में भारत नेपाल के सम्बन्ध खराब न होने पाएं ? नेपाल में माओवादियों के प्रभाव के कारण भी कई बार वहाँ पर भारत विरोधी भावनाओं के लोग सत्ता के केंद्र तक पहुँच सकते हैं तो उससे निपटने के लिए एक ऐसी संधि की आवश्यकता है जिसमें नेपाल और भारत बराबर के सहयोगी साबित हो जिससे कहीं से किसी भारत विरोधी को भारत के खिलाफ लोगों को भड़काने के अवसर ढूंढने से भी न मिल सकें.
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