मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 7 नवंबर 2013

ड्रीमलाइनर और एयर इंडिया

                                  २७ विमानों की आपूर्ति के क्रम में बुधवार को अमेरिकी विमानन कम्पनी बोईंग द्वारा भारत को अपना दसवां आज का आधुनिकतम ड्रीम लाइनर विमान सौंपने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि शुरुवाती परेशानियों के साथ जूझ रहे इन विमानों के सम्बन्ध में भारत की तरफ से आपूर्ति पूरी करने की हरी झंडी मिल गयी है. अपने किफायती स्वरुप के कारण जिस तरह से इस विमान ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था उसेक बाद यह स्पष्ट हो गया था कि इनको लेकर पूरे विमानन क्षेत्र में बड़ा बदलाव भी आ सकता है पर पहले बैटरी के समस्या के चलते और फिर हाल ही भारत में हुई तीन घटनाओं के बाद इन विमानों की सुरक्षा के सम्बन्ध में आम लोगों के साथ एयर इंडिया भी चिंतित नज़र आ रही है और बोईंग की चिंता इस मामले में सबसे अलग है क्योंकि इस तरह की समस्याएं इन विमानों के भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह लगा सकती हैं जिसे कोई भी निर्माता कम्पनी पसंद नहीं करेगी.
                                    आज जब पूरी दुनिया में सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कम्पनियों के लिए अपने अस्तित्व के लिए जूझने का क्रम जारी है तो उस परिस्थिति में एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने २०२० तक सहायता देने और उसको अपने में सुधार लाने के लिए समय दिया हुआ है जिसके साथ ही एयर इंडिया ने अपने विमानों की कार्य कुशलता और क्षमता बढ़ाने के लिए इन नए ड्रीम लाइनर विमानों का बड़े पैमाने पर आर्डर भी दिया था. वैसे देखने और ईंधन की किफ़ायत के साथ इन विमानों में सुरक्षा सम्बन्धी चिंताएं इसी तरह से हावी होती रही है फिर भी बोईंग का विश्वास के साथ यह कहना कि इन घटनाओं से सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा कुछ हद तक संतोष जनक लगता है क्योंकि किसी भी घटना में आज तक कभी भी इन विमानों के कारण यात्रियों की जान पर कोई संकट नहीं आया है और इन निर्माण सम्बन्धी समस्याओं के बाद भी ये विमान पूरी कुशलता के साथ उड़ान भरने में लगे हुए हैं.
                                     भारत में ऐसी घटनाओं की अधिकता को देखते हुए बोईंग ने इनकी निगरानी के लिए अपनी एक टीम भी लगा दी है जिससे लगातार होने वाली इन छुटपुट घटनाओं पर रोक भी लगायी जा सके और इन घटनाओं के होने के कारणों का भी पता लगाया जा सके. विमानन क्षेत्र में भारत के लगातार बढ़ते जाने से जहाँ बोईंग के लिए यह एक बड़ा बाज़ार भी है वहीं सुरक्षा सम्बन्धी कारक आने वाले समय में पूरे भारत में इन विमानों के भविष्य पर ही प्रश् चिन्ह लगा सकते हैं ऐसे में बोईंग का यह कदम उसके आने वाले सौदों को देखकर किया जाने वाला कदम भी हो सकता है पर यात्रियों की सुरक्षा के बारे में देश में किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. ईंधन की कुशलता के साथ इन विमानों में पूरी तरह से हर सुरक्षा सम्बन्धी पहलू पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है और भारत सरकार ने भी पूरी सतर्कता बरतने के बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं. इस विमान के साथ नगर विमानन मंत्री अजित सिंह भी अमेरिका से वापस आये हैं जहाँ पर उन्होंने बोईंग कम्पनी का दौरा भी किया और अधिकारियों के साथ बातचीत भी की जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत भी अब सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बारे में सोचना शुरू कर चुका है.          
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