मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

रेल आरक्षण तंत्र में कमी

                                          भारत में किसी भी तंत्र की खामियों को खोजकर उसका किस तरह से दुरूपयोग किया जाए आज यह सबसे बड़ी समस्या होती जा रही है क्योंकि जालसाज़ लोग लगभग हर क्षेत्र में अपने को आजमाने में लगे हुए हैं. इस क्रम में रेलवे से सम्बंधित जो सबसे ताज़ा मामला सामने आया है उससे यही लगता है कि कहीं न कहीं से इस सारे खेल में कुछ विभागीय लोग भी शामिल रहा करते हैं जिससे इस कमी की तरफ लोगों का ध्यान भी नहीं जा पाता है. रेल आरक्षण में अभी तक चल रहे नियम के अनुसार आरक्षण चार्ट को ४ घंटे पहले ही अंतिम रूप दे दिए जाने के कारण ही यह गोलमाल इतनी आसानी से किया जा रहा है और चाहते हुए भी इस पर कोई रोक नहीं लग पा रही है जबकि इस तरीके से रेलवे को रोज़ ही चूना लगाया जा रहा है और कुछ लोगों तक जानकारी होने के बाद भी रेलवे इस तरफ से ऑंखें मूंदे बैठी है.
                 आधुनिकता और घर बैठे बेहतर सेवा देने के लिए शुरू की गयी आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही जिस तरह से इस गोरखधंधे को अमली रूप पहनाया जा रहा है उसे देखकर तो रेलवे वाले भी दंग रह गए हैं. किसी भी मार्ग की किसी भी गाड़ी का अंतिम चार्ट अभी गाड़ी छूटने के ४ घंटे पहले बना दिया जाता है और टीटी को यही चार्ट मिलता है जिसके माध्यम से वह यात्रियों से सम्बंधित जानकारी को पाता है पर इन चार घंटों में ही सारा खेल शुरू होकर रेलवे को चूना लगाते हुए खत्म हो जाता है. जालसाजी करने वाले चार्ट बन जाने के बाद वेबसाइट से टिकट कैंसल करा देते हैं और टीडीआर फाइल कर रेलवे के नियमानुसार आधा पैसा अपने खाते में वापस पा जाते हैं और आराम से उसी टिकट पर यात्रा भी कर लेते हैं जिससे उनकी यात्रा आधे खर्चे पर हो जाती है और रेलवे को इस तरह  से आर्थिक चपत भी लगा दी जाती है.
              एक समय जब भारत में शुरुवात हुई थी तो संभवतः उन पडोसी स्टेशनों की जानकारी चार्ट बनने वाले मुख्य स्टेशन तक आने देने के लिए इस तरह ४ घंटे दिए जाने की व्यवस्था की गई थी पर जब आईआरसीटीसी से टिकट होने लगे और उस पुरानी प्रक्रिया से अभी भी ४ घंटे का समय दिया जा रहा है जिसके कारण ही इस तरह की गड़बड़ी कर पाने में कुछ लोग सफल होते जा रहे हैं. चार्ट बनाने का काम अब केवल एक घंटे पहले ही किया जाना चाहिए और टीटी को आवश्यकता पड़ने पर गाड़ी छूटने से पहले एक फाइनल सप्लीमेंट्री चार्ट भी दिया जाना चाहिए जिसमें टीटी को गाड़ी छूटने के पहले तक की जानकारी मिल सके. वैसे इस मामले में सबसे अच्छा विकल्प यह भी हो सकता है गाड़ी विशेष पर ड्यूटी कर रहे टीटी के मोबाइल पर ही चार्ट बनने के बाद किसी भी कैंसल किये गए टिकट की जानकारी स्वतः ही सिस्टम द्वारा भेज दी जाये। हर टीटी को एक टेबलेट देकर सम्बंधित गाड़ी से जुड़े हर मामले तक पहुँचने की सुविधा देने से भी परिस्थितियों को नियंत्रण में किया जा सकता है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें