वजूद में आने के ६३ साल बाद आख़िर कार पाकिस्तान की ख़ुफ़िया संस्था आई एस आई ने भी पहली बार इस बात को सार्वजानिक तौर पर स्वीकार कर लिया कि उसके लिए भारत से बहुत बड़ा ख़तरा इस्लामिक आतंक है जो कभी भी पाकिस्तान पर पूरी तरह से कब्ज़ा जमा कर पाक को बनाने के मंसूबे पर पानी फेरने का काम कर सकता है. एक संस्था जिसने आज तक केवल भारत विरोध को ही अपना मुख्या पेशा माना हो और जिसने शुरू से आज तक केवल इस्लामिक कट्टरपंथियों को ही पाला-पोसा हो जब वह इस तरह की बातें करने लगती है तो पूरी दुनिया को बहुत आश्चर्य होने लगता है. भारत को यह सब पता ही है कि पाक कुछ भी बिना मतलब के नहीं करता है और उसके इस तरह के बयान वहां की ताज़ा बाढ़ की स्थिति के दबाव में लिए गए लगते हैं.
हम सभी जानते हैं कि वर्तमान में पाक अपने इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है और वहां का प्रशासन पूरी तरह से ठप पड़ा है. वहां पर किसी को भी यह समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति से किस तरह से निपटा जाए ? जितने बड़े पैमाने पर वहां पर तबाही हुई है उससे तो यही लगता है कि पाक अपने दम पर इससे नहीं निपट सकता है और उसे बहुत बड़ी अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता भी है. पाक के इस तरह की किसी भी राशि के ग़लत इस्तेमाल के बारे में पूरी दुनिया जानती है तभी इस बार जितनी बड़ी सहायता उसे मिलनी चाहिए थी अभी तक उसका एक अंश भी वहां नहीं पहुँच पाया है. भारत ने अपने पड़ोसी धर्म का पालन करते हुए सहायता राशि की पेशकश कर दी है पर भारत विरोध की मानसिकता उसे अभी इस बात के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं आकर पाया है कि वह खुले मन से यह सहायता ले सके. भारत से जाने वाली कोई भी सहायता वहां पर आतंकियों के गठजोड़ को पाक सरकार के खिलाफ़ कर सकता है और वर्तमान में ज़रदारी की कमज़ोर सरकार किसी भी परिस्थिति में सेना के खिलाफ नहीं जा सकती है.
सोच और समझ का फ़र्क लोगों को कहीं का नहीं रखता है जहाँ भारत में लेह में बादल फटने की घटना के बाद खुद प्रधानमंत्री कल जाकर वहां की जनता के साथ खड़े हो आये हैं वहीं बाढ़ से जूझते पाक को छोड़कर ज़रदारी अपनी अमेरिका यात्रा पूरी कर रहे थे. इस तरह से जब भी शासन किया जाता है तो जनता में असंतोष बहुत बड़ी मात्रा में पनप जाता है. यह सही है कि पाक के आतंकी पाक के लोगों का जीना भी मुश्किल किये हुए हैं पर जब सरकार अभी भी केवल आंकलन में लगी हुई है पाक स्थित कई आतंकी संगठन वहां पर राहत और बचाव कार्य में तेज़ी से लगे हुए हैं. आखिर ऐसा क्या कारण हो जाता है कि जिसका विरोध होना चाहिए वह वाह-वाही लूट ले जाता है और जिसको अपने कर्त्तव्य को निभाना चाहिए वह कहीं दूर खड़ा तमाशा देखता रहता है ? आज पाक में सत्ता के सूत्र जनता से बहुत कट चुके हैं जिसका लाभ आतंकी संगठन उठा रहे हैं. पाक के ह्रदय परिवर्तन के पीछे आज की बाढ़ ही है क्योंकि उसे इससे निपटने के लिए बहुत धन की आवश्यकता है पर अब दुनिया भी जान चुकी है कि पाक इस तरह की किसी भी सहायता का सदैव से ही दुरूपयोग ही करता रहता है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
इस्लामी आतंकवाद से पाक तो क्या समय आने दिजिये खुद मुस्लमान तौबा न करे तो देख लेना
जवाब देंहटाएंआपसे पूर्णत: सहमत.
जवाब देंहटाएंRatan Singh Shekhawat जी,
जवाब देंहटाएंजिसे आप इस्लामिक आतंकवाद कह रहे हैं, वह इस्लाम के नाम का दुरूपयोग करके होने वाला आतंकवाद है. और जहाँ तक बात मुसलमानों की है, वह तो आज भी इससे घृणा करते हैं. ऐसे कुकृत्यों की किसी भी धर्म में इजाज़त नहीं मिल सकती है.
अच्छी पो्स्ट आशुतोष जी
जवाब देंहटाएंआभार
मैं परेशान हूँ--बोलो, बोलो, कौन है वो--
टर्निंग पॉइंट--ब्लाग4वार्ता पर आपकी पोस्ट
उपन्यास लेखन और केश कर्तन साथ-साथ-
मिलिए एक उपन्यासकार से
सही कहा आपने....
जवाब देंहटाएंयह आशंका तो थी ही कि पाक पालित यह आतंकवाद एक दिन ऐसा भस्मासुर बनेगा,जिसे किसी भी युक्ति से बस्म न कर पायेगा पाक..