केंद्रीय सतर्कता आयोग ने आख़िरकार वह कदम उठा ही लिया जिसकी बहुत दिनों से प्रतीक्षा की जा रही थी अब केंद्र सरकार से जुड़े किसी भी विभाग या निगम में किसी भी स्तर पर किसी भी पद के व्यक्ति द्वारा किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगें जाने या अनावश्यक रूप से विलम्ब किये जाने पर कोई भी नागरिक इसकी सूचना किसी भी समय दूरभाष संख्या १९६४ पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. यह सख्या १९६४ होने के पीछे यह कारण है कि आयोग का गठन सन १९६४ में हुआ था. अभी तक कोई ऐसी प्रक्रिया नहीं थी जिससे कोई नागरिक केंद्र सरकार के किसी भी कर्मचारी द्वारा उसके काम में की जा रही देरी की शिकायत कहीं पर कर सकता जिससे इन विभागों में भ्रष्टाचार की संभावनाएं हमेशा ही बनी रहती हैं और इसका लाभ भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा जनता के काम रोककर उठाया जाता रहता है. आज पूरे देश में जिस तरह से केंद्र सरकार की योजनायें बढती जा रही हैं ऐसे में उनकी सीधे शिकायत का कोई तंत्र नहीं था जो इससे शायद पूरा हो जाये.
अभी तक जो भी व्यवस्था चल रही है उससे यही लगता है कि इस सभी सुधारों को जिस तरह से एक अभियान चलाकर लागू किया जाना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है जिससे भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी किसी भी काम को अपने हिसाब से करने की आदत बना चुके हैं जो कि हमेशा जनता के के ख़िलाफ़ ही जाता रहता है. जिस तरह से जिस स्तर पर सरकारी तंत्र द्वारा भष्टाचार फैलाया जाता है उसको रोकने के लिए केवल कुछ हेल्पलाइन कारगर नहीं हो सकती हैं जब तक सही ढंग से काम करने की संस्कृति का विकास नहीं किया जायेगा तब तक कोई भी काम नियमपूर्वक नहीं हो पायेगा. ऐसा भी नहीं है कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी भ्रष्ट है पर इस तरह के क़दमों से कहीं न कहीं इनमें से भ्रष्ट लोगों पर यह दबाव तो बन ही कि वे सही ढंग से कम करें वर्ना उनके ख़िलाफ़ शिकायत भी हो सकती है. अभी कुछ दिनों में इससे मिलने वाली शिकायतों और उनके निपटारा होने की प्रणाली से ही लोगों का विश्वास धीरे धीरे इस सेवा में बढ़ सकता है.
इस कदम को देशहित में अच्छा माना जाना चाहिए जबकि कुछ लोग इसको इस तरह से भी कह सकते हैं कि देखा कि कितना भ्रष्टाचार फैला हुआ था तभी किसी दबाव में आकर सरकार ने यह कदम उठाया है. आज पूरे देश में हर राज्य में भी इसी तरह की हेल्पलाइन की आवश्यकता है क्योंकि जब तक ऐसा नहीं किया जायेगा तब तक राज्य कर्मचारियों पर लगाम नहीं लगायी जा सकेगी. आज आवश्यकता है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग हो जिसके द्वारा २४ घंटे फ़ोन पर शिकायतें केंद्र राज्य किसी भी कर्मचारी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज़ की जाएँ और इन्हें सम्बंधित विभाग या राज्य सरकार को जांचा के लिए भेज दिया जाये. इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने के लिए इन्टरनेट का भी इस्तेमाल किया जाये और हर शिकायतकर्ता को एक संख्या भी दी जाये जिससे वह अपनी शिकायत की स्थिति के बारे में जानकारी भी ले सके. केंद्र सरकार ने इस तरह की पहल करके राज्यों पर यह दबाव बना ही दिया है कि वे अपने यहाँ इस तरह की व्यवस्था लागू करवाने के बारे में सोचना तो शुरू कर ही दें.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
अभी तक जो भी व्यवस्था चल रही है उससे यही लगता है कि इस सभी सुधारों को जिस तरह से एक अभियान चलाकर लागू किया जाना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है जिससे भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी किसी भी काम को अपने हिसाब से करने की आदत बना चुके हैं जो कि हमेशा जनता के के ख़िलाफ़ ही जाता रहता है. जिस तरह से जिस स्तर पर सरकारी तंत्र द्वारा भष्टाचार फैलाया जाता है उसको रोकने के लिए केवल कुछ हेल्पलाइन कारगर नहीं हो सकती हैं जब तक सही ढंग से काम करने की संस्कृति का विकास नहीं किया जायेगा तब तक कोई भी काम नियमपूर्वक नहीं हो पायेगा. ऐसा भी नहीं है कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी भ्रष्ट है पर इस तरह के क़दमों से कहीं न कहीं इनमें से भ्रष्ट लोगों पर यह दबाव तो बन ही कि वे सही ढंग से कम करें वर्ना उनके ख़िलाफ़ शिकायत भी हो सकती है. अभी कुछ दिनों में इससे मिलने वाली शिकायतों और उनके निपटारा होने की प्रणाली से ही लोगों का विश्वास धीरे धीरे इस सेवा में बढ़ सकता है.
इस कदम को देशहित में अच्छा माना जाना चाहिए जबकि कुछ लोग इसको इस तरह से भी कह सकते हैं कि देखा कि कितना भ्रष्टाचार फैला हुआ था तभी किसी दबाव में आकर सरकार ने यह कदम उठाया है. आज पूरे देश में हर राज्य में भी इसी तरह की हेल्पलाइन की आवश्यकता है क्योंकि जब तक ऐसा नहीं किया जायेगा तब तक राज्य कर्मचारियों पर लगाम नहीं लगायी जा सकेगी. आज आवश्यकता है कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग हो जिसके द्वारा २४ घंटे फ़ोन पर शिकायतें केंद्र राज्य किसी भी कर्मचारी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज़ की जाएँ और इन्हें सम्बंधित विभाग या राज्य सरकार को जांचा के लिए भेज दिया जाये. इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने के लिए इन्टरनेट का भी इस्तेमाल किया जाये और हर शिकायतकर्ता को एक संख्या भी दी जाये जिससे वह अपनी शिकायत की स्थिति के बारे में जानकारी भी ले सके. केंद्र सरकार ने इस तरह की पहल करके राज्यों पर यह दबाव बना ही दिया है कि वे अपने यहाँ इस तरह की व्यवस्था लागू करवाने के बारे में सोचना तो शुरू कर ही दें.
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चलिये कदम उठा तो सही।
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