मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 21 नवंबर 2011

पाक में बवाल

        पाक में गोपनीय पत्र के सार्वजनिक होने के बाद जिस तरह से राजनैतिक बवाल मचना शुरू हो गया है उसका भारत पर भी आने वाले समय में व्यापक असर पड़ने वाला है क्योंकि इस तरह के किसी बड़े संकट के आने पर भारत पर भी असर पड़ने वाला है. पाक में होने वाली इस तरह की कोई भी घटना वहां हमेशा सेना को यह अवसर दे देती है कि वह देश के शासन पर कब्ज़ा कर ले. आज भी पाक में जिस तरह से हर मामले में सेना की भूमिका रहा करती है उसके बाद यह कह पाना मुश्किल ही है कि इस बार सेना अपने पर नियंत्रण रखते हुए पूरे प्रकरण से दूर ही रहेगी क्योंकि इस बार यह मामला सेना की भूमिका से ही जुड़ा हुआ है. पाक में पूरे शासन तंत्र में जिस तरह से सेना की भूमिका रहा करती है उसके बाद भारत के लिए चिंता के कारण बढ़ते ही जाते हैं क्योंकि सेना के आने पर पाक में आईएसआई की गतिविधियाँ बढ़ने लगती हैं और भारत के लिए आतंकियों के सक्रिय होने का खतरा बढ़ने लगता है.
    पाक में सेना को नागरिक प्रशासन में हमेशा से ही दख़ल देने की आदत रही है और उसे इससे दूर रहने में बहुत कष्ट होता है फिर भी पाक में सेना की भूमिका पर पूरी दुनिया को हमेशा ही संदेह रहता है जिस कारण से पाक का पूरा तंत्र ही पूरी दुनिया में आज भी किसी का भी विश्वास हासिल नहीं कर पाया है क्योंकि इस काम के लिए वास्तव में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. अपने लाभ के स्थान पर अपनी जिम्मेदारियों पर भी ध्यान देना होता है पर पाक में इस तरह की ज़िम्मेदारियों को उठाने की परंपरा कभी से नहीं रही है जिस कारण से भी आज भी पाक की हर घटना को पूरी दुनिया में संदेह की दृष्टि से देखा जाता है ? पाक के बारे में बात करते ही एक ऐसे देश की छवि सामने आती है जिसका आज भी कोई सही कदम पूरी दुनिया के सामने नहीं आता है पाक में जिस तरह से अंतर्विरोध ही चलता रहता है और देश की तरक्की के लिए कोई ठीक काम नहीं किये जाते हैं उसके बाद वहां पर इस तरह की घटनाएँ होना भी सामान्य ही है.
   आज पाक में सरकार की विफलता के बाद जिस तरह से विपक्षी दल हावी होते जा रहे हैं उससे यही लगता है कि कहीं न कहीं से पाक में सरकार पर गंभीर संकट आ चुका है और वह इससे बचने के लिए हाथ पैर मारना शुरू कर चुकी है जिस कारण से इस तरह की आशंकाओं को और भी बल मिल रहा है कि पाक सरकार पर वास्तव में कोई संकट आने वाला है. लोकतंत्र में सरकारों के बदलने से देश की नीतियों पर प्रभाव पड़ता है पर पाक में जिस तरह से आज भी लोकतंत्र का कोई प्रभावी रूप सामने नहीं आया है उससे भी संदेह की गुंजाईश बनी रहती है क्योंकि बिना प्रभावी और मज़बूत लोकतंत्र के किसी भी तरह से किसी भी देश को सही रास्ते पर नहीं चलाया जा सकता है. आज पाक के संकट पर भारत को पूरी नज़र रखनी ही होगी क्योंकि वहां किसी भी परिवर्तन के बाद लोगों का ध्यान बंटाने के लिए भारत विरोधी बयानों और भावनाओं की झड़ी लग जाया करती है. पाक में आज भी समस्यों से ध्यान हटाने के लिए नेता, सेना और आतंकी सभी भारत विरोधी रुख ही अपनाया करते हैं.

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