मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 21 जनवरी 2012

इन्टरनेट और विकास गति

        क्या देश में इन्टरनेट की पहुँच बढ़ने का सीधा सम्बन्ध देश की विकास गति से हो सकता है ? सुनने में यह भले ही अटपटा लगे पर यह सच्चाई है जो दिल्ली में इन्टरनेट और मोबाइल एसोसियेशन ऑफ़ इंडिया के एक अध्ययन में सामने आई है. अभी तक इन सभी के बारे में यह माना जाता था कि इनसे केवल शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा होते हैं पर अब यह बात सामने आई है कि जिन राज्यों में इन्टरनेट और मोबाइल का जितना अधिक फैलाव होगा भविष्य में उसका सीधा लाभ उस राज्य के विकास पर पड़ता हुआ दिखाई देगा. इस अध्ययन के लिए कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार और सामुदायिक सेवाओं को मानक के रूप में चुना गया. यह सही है कि देश में इन सभी क्षेत्रों में विकास करने की असीम संभावनाएं है और जिस तरह से हमारा देश कृषि प्रधान है अगर इस मूलभूत काम को किसी तरह से इससे जोड़ा जा सके तो आने वाले समय में इसका बहुत बड़ा प्रभाव दिखाई देने लगेगा.  समय पर होने वाली बारिश किस तरह से सकल घरेलु उत्पाद पर असर डालती है यह हम सभी जानते हैं तो इस क्षेत्र की उपेक्षा करके अब केवल शहरों में बसने वाला भारत देश को आगे नहीं ले जा सकता है.
     देश के गाँवों में कृषि उत्पाद आसानी से मिल जाया करते हैं पर वहां पर आज भी सरकारी कृषि विभाग केवल खानापूरी करने के लिए ही हैं जबकि अगर ये विभाग अपना काम ठीक ढंग से करना शुरू कर दें तो पूरे देश की तकदीर केवल कृषि क्षेत्र ही बदलने की शक्ति रखता है. इसके लिए जितने मनोयोग से कृषि अनुसन्धान के नए आयामों को आम किसान तक पहुँचाना होगा वहीं उसके साथ उर्वरक आदि अन्य ज़रूरतों की भी पूर्ति समय से करनी होगी. नेट के माध्यम से उत्पाद को बेचे जाने के लिए ये किसान स्वतंत्र होंगें जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी और उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ेगी जो अंत में देश के बाज़ार को मज़बूत करने का काम ही करेगी. आज भी देश में हर क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं में बहुत सुधार की गुंजाइश है पर इस बारे में जो भी योजनायें बनायीं जाती हैं वे अपने उद्देश्यों को नहीं पूरा कर पाती हैं. अच्छा है कि सरकार इस दिशा में दृढ़ता से काम कर रही है और आने वाले कुछ वर्षों में जिस तरह से हर चीज़ नेट पर आधारित होने जा रही है उसके लिए देश तैयार हो रहा है.
    इस तरह के काम को केवल सरकारी स्तर पर ही पूरा नहीं किया जा सकता है क्योंकि वहां पर व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण एक बार हर काम रुक जाता है इसलिए अब निजी क्षेत्र के लिए हर तरह के दरवाज़े खोलने ही होंगें और सरकार को उन पर कड़ी नज़र रखनी होगी जिससे निजी क्षेत्र मनमानी पर न उतर आये ? इस अवसर पर इस रिपोर्ट से सहमत दूर संचार सचिव आर चंद्रशेखर ने भी यह कहा कि इस तरह की अधिकांश बातों और योजनाओं पर सरकारी अभी से सचेत है और कई क्षेत्रों में काम पहले से ही शुरू किया जा चुका है. देश को आगे बढ़ाने में देश के युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है और ऐसी स्थति में अभी ये इस युवा ऊर्जा को सही ढंग से समायोजित करने और उचित दिश दिखने की आवश्यकता है बाकी का सारा काम ये खुद ही कर पाने में सक्षम है. अब उन लोगों को भी चुप होकर बैठ जाना चिय जो केवल परंपरागत तरीके से विकास की बातें किया करते हैं क्योंकि अब देश की बड़ी आबादी की शक्ति का सही उपयोग ही हमें फिर से दुनिया में आगे ला सकता है.  
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