मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 14 जनवरी 2014

भारतीय सेना और संयम

                                           सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने जिस तरह से देश में व्याप्त सेना के बारे में गलत धारणा के बारे में सेना का रुख स्पष्ट किया उससे यही लगता है कि अभी तक जो लोग केंद्र सरकार पर बिना वजह दबाव मानने की रणनीति पर चलने के आरोप लगाया करते थे वे पूरी तरह से झूठे ही हैं. भारतीय सेना को गौरव और अनुशासन के बारे में पूरी दुनिया में जाना जाता है और आम तौर पर देश के संवेदनशील मसलों पर सेना के बजाय आधिकारिक रूप से रक्षा मंत्रालय या विदेश मंत्रालय ही मीडिया को सम्बोधित करते रहते हैं जिससे भी यही आम धारणा बनती है कि सरकार सेना को सही ढंग से काम ही नहीं करने देती है. पाक के सम्बन्ध में जनरल सिंह के कड़े बयान के बाद जिस तरह से पाक सेना ने उसे उकसावे वाला बयान कहा है उससे उसकी मानसिकता का ही परिचय मिलता है क्योंकि भारतीय सेना के शौर्य और वीरता भरी गाथाओं को छिपाने के लिए उसके क्या पूरी दुनिया के पास कुछ भी नहीं है और अपने मज़बूत संकल्प और जांबाज़ी के कारण भारतीय सेना ने पाक की हर ग़लत हरक़त का समय रहते अच्छा जवाब ही दिया है.
                                          चीन के सम्बन्ध में सेना आमतौर पर कुछ नहीं कहती है पर इस बार जनरल सिंह ने यह स्पष्ट किया कि उससे कई स्तरों पर बातचीत चल रही है और समय आने पर उसके अनुसार ही कदम उठाये जाते रहे हैं. चीन के साथ लगते दुर्गम क्षेत्रों तक सेना और देश की अच्छी पहुँच बनाने के लिए जिस तरह से मनमोहन सरकार ने पूरी व्यापक तैयारियों के साथ सेना को अपने तंत्र को मज़बूत करने के लिए धन का आवंटन किया है वह देश के इतिहास में पहली बार ही किया गया है. चीन की तरफ से उन्हीं क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को दिखाकर विवादित घोषित करने की कोशिश की जाने लगी है जहाँ पर अब भारतीय सेना ने अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज़ करा दी है क्योंकि चीन को अब यह लगने लगा है कि यदि अब भारत इस तरह से अपने सीमा क्षेत्रों तक आसान पहुँच बनाने में सफल हो गया तो वह भविष्य में किसी भी विपरीत से विपरीत परिस्थिति से भी आसानी से उबर सकने की ताकत पा जायेगा जो सामरिक दृष्टि से चीन को भारत के बराबर खड़ा कर देगा.
                                         जनरल सिंह ने स्पष्ट किया कि सीमा पर पाक जिस भाषा में बात करता है उसे उसी तरह से सदैव जवाब दिया जाता है पर सेना कभी उस बात को प्रचारित नहीं करती है. अभी हाल में सीमा पर एक पाक सैन्य अधिकारी और सैनिक के मारे जाने पर उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्यवाही करने के लिए पाक हमें उकसाता है फिर भी उन्होंने इस तरह की किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सैन्य महानिदेशकों की बैठकों में सब कुछ सामान्य हो जाने की आशा भी जतायी है. जिन कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर काम कर रही है वह अपने आप में बहुत ही प्रशंसनीय है और इन क्षेत्रों में तैनात हमारे जवानों के लिए हर वह सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए जिसके बिना पूरी व्यवथा सम्भालना और भी कठिन हो जाता है. देश को सदैव से ही अपनी सेना पर गर्व है पर जिस तरह से सेना की कार्यशैली पर कुछ दल अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का काम करने लगते हैं उसकी निंदा ही की जा सकती है. सरकार ने लगभग १२००० करोड़ की सैन्य परियोजनाओं के लिए धन आवंटित कर कम शुरू भी करा दिए हैं और लगभग २०००० करोड़ की अन्य २३ परियोजनाओं पर काम चल रहा है जो देश की आने वाली आवश्यकताओं कि पूर्ति के लिए आवश्यक भी हैं.          
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