एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के लिए चिंता की एक और खबर सामने आ रही है जिससे यह पता चलता है कि लश्कर करांची प्रोजेक्ट नाम से भारत के युवा मुसलानों को आतंक की ट्रेनिंग देने में लगा हुआ है. अभी तक यह समझा जा रहा था कि आतंक के साथ भारतीय आम मुसलमानों का कोई जुड़ाव नहीं है पर जिस तरह से बंटवारे के समय पाक गए परिवारों से मिलने के नाम पर युवाओं को ६ महीने के लिए पाक में आतंक से जुड़े स्लीपर सेल तैयार करने के काम में लगाया जा रहा है उससे देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा उत्पन्न हो रहा है साथ ही आने वाले समय में देश में भी मुसलमानों के लिए बाक़ी दुनिया की तरह ही संदेह के घेरे में रहने का माहौल बन सकता है ? क्या कारण है कि भारत के उद्योगपति मुकेश अम्बानी को तो अमेरिका में हवाई अड्डे से सामान्य जांच के बाद जाने दिया जाता है पर फिल्म स्टार शाहरुख़ को अम्बानी के साथ उनके ही विमान में आने के बाद भी दो घंटे तक रोक कर रखा जाता है ? क्या आज आम मुसलमान दुनिया में मुसलमानों के प्रति बढती हुई शंका और संदेह के इन कारणों के बारे में मंथन करना चाहता है ? आतंकी संगठन तो यही चाहते हैं कि मुसलमान पूरी दुनिया में अलग थलग पड़ जाये जिससे उसे किसी बड़ी लड़ाई के लिए तैयार किया जा सके ? पाक कभी भी भारत को विकास करता हुआ नहीं देख सकता है और आज जिस स्थिति में वह पहुंचा हुआ है उससे यही लगता है कि अब वह विकास में भारत की बराबरी करने का हौसला भी खो चुका है तभी वह भारत को अशांत करने के लिए रोज़ ही नए नए रास्ते खोजा करता है.
भारत में मुसलमानों को जितनी आज़ादी मिली हुई है वैसी तो उन्हें दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिली है और अब इस आज़ादी को मुसलमानों के लिए बचाए रखने का ज़िम्मा भी मुसलमानों का ही है क्योकि जिस तरह से कुछ युवा पाक की इस घिनौनी हरकतों में शामिल होने लगे हैं उससे इन इलाकों में संदेह का घेरा और कसने वाला है और यहाँ से देश भर में पढ़ाई और रोज़गार के सिलसिले में जाने वाले मुसलमानों पर इसका असर पड़ना तय ही है. आतंकियों की खोज में जब सुरक्षा एजेंसियों का घेरा आजमगढ़ यूपी पर कसने लगा तो कुछ लोगों ने दिल्ली तक यह बात उठाने की कोशिश की पर जब यहाँ के युवक ग़लत रास्ते पर चल रहे थे तो उन्हें सँभालने के लिए यही लोग कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे ? भारत में सहिष्णुता के कारण आज तक मुसलमानों के साथ आम तौर पर ही सामान्य नागरिकों की तरह व्यवहार किया जाता है जिस कारण से आज उनके लिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के मार्ग खुले हुए हैं पर पाक में इस तरह की अनेक बंदिशें लगी हुई हैं जो खुद मुसलमानों को भी खुली सांस नहीं लेने देती हैं. भारतीय मुस्लिम आज जिस तेज़ी से शिक्षा में आगे बढ़े हैं उसका असर उनके पूरे समाज पर पड़ रहा है क्योंकि शिक्षा से समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने में सहायता मिलती है. सरकारों का यह कर्तव्य है कि वे देश के हर नागरिक के अधिकारों के बारे में सही दिशा में काम करे जिससे किसी को भी गलत दिशा में जाने के लिए मजबूर न होना पड़े.
जिस तरह से मुसलमानों में धार्मिकता होती है और वे धर्म के लिए कुछ भी करने के लिए समर्पण के साथ तैयार रहते हैं आतंकी कहीं न कहीं से उनकी इस धार्मिकता का ही अपने हितों को साधने के लिए दुरूपयोग करने में लगे हुए हैं. जिस तरह से यूपी और बिहार के कुछ युवा मुसलमानों के बारे में आतंकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में लेने की बात सामने आई है उससे यही लगता है कि इन अधिक आबादी वाले दोनों प्रदेशों में कुछ ऐसे तत्व सक्रिय हैं जो युवाओं को बहला कर या उन्हें इस्लाम के नाम पर उकसा कर आतंक के दलदल में धकेलना चाहते हैं. यूपी एटीएस भी इस बात को मानती है पर साथ ही उसके अधिकारी इस बात पर राहत भी महसूस करते हैं कि जितनी संख्या में युवाओं ने ट्रेनिंग ली है वे सभी आतंकी गतिविधियों में नहीं लग रहे हैं वरना सुरक्षा की स्थिति गंभीर भी हो सकती है. ऐसे में जब यूपी और बिहार में मुसलमानों के लिए काम करने वाली सरकारें हैं तो उन्हें इस समस्या के लिए गंभीरता से सोचना ही चाहिए क्योंकि अगर कोई मुसलमानों का वास्तव में भला चाहता है तो उसे पूरी कौम में ग़लत रास्ते पर चलने वाले युवाओं को सही रास्ता दिखाना ही चाहिए क्योंकि यदि मुसलमानों के प्रति सहानुभूति रखते हुए कोई सरकार उनकी इस तरह की छोटी ही सही पर आतंकी गतिविधियों को नज़रंदाज़ करने लगेगी तो आने वाले समय में इससे आम मुसलमानों के लिए ही बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है. धार्मिक आज़ादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले पाक में बैठे कुछ तत्व भारत में मुसलमानों का बहुत बड़ा नुकसान करने वाले हैं अगर भारत में रहने वाले मुसलमानों ने यह बात समय रहते नहीं सोची तो पाक की तरह यहाँ भी उनकी धार्मिक आज़ादी केवल दिखावे भर की ही रह जाने वाली है....
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
भारत में मुसलमानों को जितनी आज़ादी मिली हुई है वैसी तो उन्हें दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिली है और अब इस आज़ादी को मुसलमानों के लिए बचाए रखने का ज़िम्मा भी मुसलमानों का ही है क्योकि जिस तरह से कुछ युवा पाक की इस घिनौनी हरकतों में शामिल होने लगे हैं उससे इन इलाकों में संदेह का घेरा और कसने वाला है और यहाँ से देश भर में पढ़ाई और रोज़गार के सिलसिले में जाने वाले मुसलमानों पर इसका असर पड़ना तय ही है. आतंकियों की खोज में जब सुरक्षा एजेंसियों का घेरा आजमगढ़ यूपी पर कसने लगा तो कुछ लोगों ने दिल्ली तक यह बात उठाने की कोशिश की पर जब यहाँ के युवक ग़लत रास्ते पर चल रहे थे तो उन्हें सँभालने के लिए यही लोग कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे ? भारत में सहिष्णुता के कारण आज तक मुसलमानों के साथ आम तौर पर ही सामान्य नागरिकों की तरह व्यवहार किया जाता है जिस कारण से आज उनके लिए हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के मार्ग खुले हुए हैं पर पाक में इस तरह की अनेक बंदिशें लगी हुई हैं जो खुद मुसलमानों को भी खुली सांस नहीं लेने देती हैं. भारतीय मुस्लिम आज जिस तेज़ी से शिक्षा में आगे बढ़े हैं उसका असर उनके पूरे समाज पर पड़ रहा है क्योंकि शिक्षा से समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने में सहायता मिलती है. सरकारों का यह कर्तव्य है कि वे देश के हर नागरिक के अधिकारों के बारे में सही दिशा में काम करे जिससे किसी को भी गलत दिशा में जाने के लिए मजबूर न होना पड़े.
जिस तरह से मुसलमानों में धार्मिकता होती है और वे धर्म के लिए कुछ भी करने के लिए समर्पण के साथ तैयार रहते हैं आतंकी कहीं न कहीं से उनकी इस धार्मिकता का ही अपने हितों को साधने के लिए दुरूपयोग करने में लगे हुए हैं. जिस तरह से यूपी और बिहार के कुछ युवा मुसलमानों के बारे में आतंकी ट्रेनिंग पाकिस्तान में लेने की बात सामने आई है उससे यही लगता है कि इन अधिक आबादी वाले दोनों प्रदेशों में कुछ ऐसे तत्व सक्रिय हैं जो युवाओं को बहला कर या उन्हें इस्लाम के नाम पर उकसा कर आतंक के दलदल में धकेलना चाहते हैं. यूपी एटीएस भी इस बात को मानती है पर साथ ही उसके अधिकारी इस बात पर राहत भी महसूस करते हैं कि जितनी संख्या में युवाओं ने ट्रेनिंग ली है वे सभी आतंकी गतिविधियों में नहीं लग रहे हैं वरना सुरक्षा की स्थिति गंभीर भी हो सकती है. ऐसे में जब यूपी और बिहार में मुसलमानों के लिए काम करने वाली सरकारें हैं तो उन्हें इस समस्या के लिए गंभीरता से सोचना ही चाहिए क्योंकि अगर कोई मुसलमानों का वास्तव में भला चाहता है तो उसे पूरी कौम में ग़लत रास्ते पर चलने वाले युवाओं को सही रास्ता दिखाना ही चाहिए क्योंकि यदि मुसलमानों के प्रति सहानुभूति रखते हुए कोई सरकार उनकी इस तरह की छोटी ही सही पर आतंकी गतिविधियों को नज़रंदाज़ करने लगेगी तो आने वाले समय में इससे आम मुसलमानों के लिए ही बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है. धार्मिक आज़ादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले पाक में बैठे कुछ तत्व भारत में मुसलमानों का बहुत बड़ा नुकसान करने वाले हैं अगर भारत में रहने वाले मुसलमानों ने यह बात समय रहते नहीं सोची तो पाक की तरह यहाँ भी उनकी धार्मिक आज़ादी केवल दिखावे भर की ही रह जाने वाली है....
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
सही अवलोकन और सत्य निष्कर्ष!!
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