मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 19 जून 2014

दिल्ली सरकार पर असमंजस

                                                  केंद्र सरकार पर मज़बूत पकड़ बना चुकी भाजपा द्वारा अगला निशाना दिल्ली में भाजपा की सरकार बनाने को लेकर साधा जा चुका है और जिस तरह से परस्पर विरोधी बयानों के माध्यम से वर्तमान विधान सभा सदस्यों को भ्रमित किया जा रहा है तो उस परिस्थति में यह संभव है कि कांग्रेस या आप के कुछ विधायक नए गुट बनाकर भाजपा को समर्थन की घोषणा भी कर दें. आज जब केंद्र में भाजपा ने अपने वर्चस्व को साबित कर दिया है और केजरीवाल सरकार के जाने के बाद यूपीए ने यह फैसला आने वाली सरकार के लिए ही छोड़ दिया था कि वही तय करे कि यहाँ नए चुनाव होंगें या फिर से ऐसे ही सरकार बनाने की कोशिशों को खुला रखा जायेगा तो अब भाजपा के लिए यह अजीब सी स्थिति बनती जा रही है. आज दिल्ली में एकतरफा जीत हासिल करने वाली भाजपा पर आम आदमी पार्टी के विधायक लोभ देने के आरोप लगाने शुरू कर चुके हैं और भाजपा सफाई दे रही है.
                         चुनाव होने से पहले जहाँ भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त थी कि यदि केंद्र में एनडीए सरकार बनी तो तुरन्त ही दिल्ली में चुनाव करा दिए जायेंगे पर दिल्ली की सातों लोकसभा सीट जीतने के बाद भी संभवतः भाजपा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए आश्वस्त नहीं लगती है. पिछले एक महीने में जिस तरह से दिल्ली में स्थानीय सरकार का काम काज रहा है उस परिस्थिति में अब भाजपा के लिए मौजूदा बिजली संकट एक बड़ी समस्या बन सकता है संभवतः इसी खतरे को भांपते हुए ही भाजपा आप और कांग्रेस में किसी संभावित टूट का इंतज़ार कर रही है. एक तरफ जहाँ दिल्ली भाजपा के नेता इन विरोधी विधायकों को यह समझाने में लगे हुए हैं कि उनके लिए अगली बार चुनाव जीतना संभव नहीं है तो उन्हें सरकार बनाने कि कोशिशों में आगे आना चाहिए वहीं दूसरी तरफ नितिन गडकरी जैसे बड़े नेता किसी भी जोड़ तोड़ से सरकार बनाये जाने की खिलाफत कर इन विधायकों पर और अधिक रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
                           आज भाजपा के पक्ष में पूरे देश का जनमत है तो इस स्थिति में अब उसे आगे बढ़कर दिल्ली की स्थिति को स्पष्ट कर देना चाहिए जिससे उसकी छवि प्रभावित न हो. विपक्ष में रहकर जोड़ तोड़ कर सरकार को बनाये जाने की कोशिशों का हर स्तर पर विरोध करने वाली भाजपा आखिर अब इस मुद्दे पर क्यों दोहरा रवैया अपना रही है यह समझ से पर है. मानसिक रूप से हारी हुई कांग्रेस ने जिस तरह से पूरी दिल्ली में बिजली पानी पर प्रदर्शन करके जनता की समस्या को उठाने कि भरपूर कोशिश की है उसका चुनावी लाभ तो उसे पता नहीं मिलेगा या नहीं पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लवली ने एक बात साबित कर दी हैं कि वे दिल्ली विधान सभा में भाजपा की राह आसान नहीं रहने देने वाले हैं. पिछले लम्बे समय से बिजली को समस्या न मानने वाली जनता ने जिस तरह से इस बार इस समस्या का सामना किया है और कांग्रेस इसका राजनैतिक लाभ उठाने की प्रारंभिक कोशिश करती हुई दिखती भी है तो यह आप के लिए बड़ी समस्या बन सकती है. अब जो भी निर्णय लेना हो पर केंद्र सरकार को दिल्ली में सरकार स्थापित करने के बारे में गंभीरता से सोचना ही होगा.
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