मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

रविवार, 1 नवंबर 2015

वोट के लिए कुछ भी करेगा ??

                                 देश में चुनाव के समय हमारे राजनेता कितने घटिया हो जाते हैं इसकी बानगी लगभग हर चुनाव में दिखाई देती है पर अब पाकिस्तान की तरह से ही जिस तरह से भारत के मतदाताओं को पाकिस्तान का भय दिखाकर भाजपा द्वारा अपने पक्ष में वोट करने के लिए माहौल बनाया जाना शुरू हो चुका है उसके बाद इस बात का भी पता चलता है कि हमारे पढ़े लिखे नेता भी मानसिक रूप से कितने दीवालिया हैं ? इतने बड़े पदों पर पहुंचे हुए लोगों का मानसिक संतुलन इतना कमज़ोर है कि वे जानते हुए भी भोली भाली जनता को उन बातों से बरगलाने की कोशिशें करने में नहीं चूकते हैं जिनको आज के युग में पल भर में ही झूठा साबित कर दिया जाता है. वोटों के लालच में मोदी, अमित शाह और गिरिराज सिंह से किसी नैतिकता की आशा भी नहीं की जा सकती है क्योंकि पिछले आम चुनावों में सबसे घटिया बयान देने वाले गिरिराज सिंह मोदी के चहेते मंत्री हैं.
                                मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में चुनाव पहुँचने के बाद जिस तरह से पहले अमित शाह और फिर अन्य भाजपाई नेताओं ने चुनाव प्रचार में पाकिस्तान का ज़िक्र करना शुरू किया उससे उनकी मानसिकता का ही पता चलता है क्योंकि पिछले डेढ़ वर्षों में मोदी सरकार ने देश के लिये जो कुछ भी किया है उसके परिणाम आने में समय लगने वाला है और इस परिस्थिति में जब बिहार में लोकसभा चुनावों में पायी सफलता को बचाये रखने की आवश्यकता और दबाव भाजपा पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है तो विकास के भाजपा के चुनावी पटल से गायब हो चुका है. खुद अमित शाह भी विकास के मुद्दे को भूलकर जातिवादी कुचक्र में उलझ चुके हैं और जिस जातिवाद को पिछले चुनावों में भाजपा द्वारा आसानी से तोड़ दिए जाने के ढेरों विश्लेषण सामने आये थे आज वे खुद जातिवाद की भेंट चढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.
                      केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी द्वारा जिस तरह से बिना जानकारी नितीश का चुनाव प्रचार पाकिस्तानी अख़बारों में किये जाने की बातें की गयीं और जब डिजिटल सरकार के मंत्री रूडी को सही बात पता चली तो भी उनमें इतना साहस नहीं था कि वे अपनी गलती को मानकर ही अपना ट्वीट डिलीट करते और उन्होंने चोरी से अपना विवादित ट्वीट ही गायब कर दिया। नैतिकता के इतने ऊंचे मानदंड केवल नागपुरी संस्कृति में पले बढे लोगों के ही हो सकते हैं यह तो स्पष्ट हो गया है जो मोदी दिन रात डिजिटल इंडिया, फेसबुक और ट्वीटर के गाने गाते रहते हैं उनके मंत्री इस डिजिटल संसार के मामले में कितने निरक्षर हैं यह सभी को पता चल ही गया है. देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किस तरह से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में रहने वाली हिन्दू आबादी को कितनी बेशर्मी के साथ भारत की पहली स्वघोषित डिजिटल सरकार के ज्ञानी मंत्री बरगलाने की कोशिशों में लगे हैं यह भी देश को पता चल चुका है.      
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